यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री रंगनाथ मिश्रा की पांच करोड़ की संपत्ति कुर्क, कांग्रेस नेता जॉर्ज ईडी के समक्ष पेश
By भाषा | Published: January 18, 2020 02:29 PM2020-01-18T14:29:40+5:302020-01-18T14:29:40+5:30
जांच एजेंसी ने शनिवार को बताया कि उसने धन शोधन निषेध कानून (पीएमएलए) के तहत आदेश जारी कर इलाहाबाद में टैगोर टाउन के जॉर्ज टाउन एक्सटेंक्शन में आवासीय भूमि को कुर्क करने को कहा है। उसने कहा कि संपत्ति की कीमत बाजार में पांच करोड़ रुपये आंकी गई है।
प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन के एक मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री रंगनाथ मिश्रा की पांच करोड़ रुपये कीमत की संपत्ति कुर्क की है।
जांच एजेंसी ने शनिवार को बताया कि उसने धन शोधन निषेध कानून (पीएमएलए) के तहत आदेश जारी कर इलाहाबाद में टैगोर टाउन के जॉर्ज टाउन एक्सटेंक्शन में आवासीय भूमि को कुर्क करने को कहा है। उसने कहा कि संपत्ति की कीमत बाजार में पांच करोड़ रुपये आंकी गई है।
एजेंसी की यह जांच आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति के मामले से जुड़ी हुई है। ईडी ने एक बयान में कहा, ‘‘रंगनाथ मिश्रा ने 2010 अपने और अपने परिवार के नाम पर यह संपत्ति ली थी।’’ मिश्रा 2007-2011 तक माध्यमिक शिक्षा और आवास मंत्री थे। एजेंसी ने बयान में कहा है कि उत्तर प्रदेश सतर्कता विभाग की ओर से मिश्रा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को पढ़ने के बाद यह जांच शुरू की गई है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के जे जॉर्ज को फेमा से संबंधित मामले में यहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए। विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के कथित उल्लंघन के मामले में पूर्व मंत्री से प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ कर रहा है। निदेशालय ने हाल ही में जार्ज को समन जारी किया था।
ईडी के समक्ष पेश होने के बाद जार्ज ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दिया और वह आगे भी सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘प्रवर्तन निदेशालय ने मुझे समन भेजा था। कानून का सम्मान करने वाले नागरिक के नाते, मैने उनके सवालों का जवाब दिया और जो भी कागजात मांगे गए वे उपलब्ध कराये।’’
विस्तार से जानकारी दिये बगैर कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘अगर आगे भी वह मुझे बुलाते हैं....मैं सहयोग करूंगा और आवश्यक कागजात उपलब्ध करवाऊंगा ।’’ जॉर्ज ने स्पष्ट किया कि जांच एजेंसी ने उनके परिवार के किसी अन्य सदस्य को समन नहीं भेजा है।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘अगर जरूरत पड़ती है और वे (ईडी अधिकारी) मुझे फिर बुलाते हैं, तो मैं सहयोग के लिए तैयार हूं।’’ पिछले साल कर्नाटक राष्ट्र समिति के अध्यक्ष रवि किशन रेड्डी ने ईडी को शिकायत दी थी, जिसमें अमेरिका में जार्ज तथा उनके परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाली संपत्ति एवं कथित धन शोधन मामले की जांच की मांग की गयी थी। आरोप लगाने वालों के खिलाफ दायर मानहानि के मामले के बारे में पूछे जाने पर जार्ज ने कहा, ‘‘प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पूछताछ के लिए मुझे बुलाने भर से, मैं दोषी साबित नहीं हो गया हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आयकर अथवा प्रवर्तन निदेशालय अथवा लोकायुक्त जैसी एजेंसियों में कोई भी शिकायत दर्ज करा सकता है लेकिन मेरी एकमात्र आपत्ति प्रेस में जाकर किसी को दोषी के तौर पर प्रचारित करने से है ।’’ उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ झूठे प्रचार की मंशा से प्रेस में जाना और मुझे दोषी के तौर पर प्रचारित करना गलत है, इसीलिए मैने मानहानि का मामला दर्ज कराया है और कहा है कि आरोप झूठे हैं।’’
कर्नाटक में जार्ज तीसरे वरिष्ठ नेता हैं, जिन्हें प्रवर्तन निदेशालय की जांच का सामना करना पड़ा है । इससे पहले डी के शिवकुमार एवं बी जेड जमीर अहमद खान को भी जांच एजेंसी का सामना करना पड़ा है । एजेंसी ने शिवकुमार को धन शोधन मामले में गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल में डाल दिया था और जमानत मिलने के बाद उन्हें पिछले साल अक्टूबर में रिहा किया गया था। खान को कई करोड़ रुपये के आईएमए समूह पोंजी घोटाले के मामले में समन किया गया था।