सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज पीसी घोष हो सकते हैं भारत के पहले लोकपाल, कल होगी आधिकारिक घोषणा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 17, 2019 04:08 PM2019-03-17T16:08:59+5:302019-03-17T16:08:59+5:30
जस्टिस पीसी घोष अपने कार्यकाल के दौरान कई बड़े फैसले लिए। उन्होंने शशिकला और अन्य को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराया था।
भारत के पहले लोकपाल का नाम तय हो गया है। सुप्रीम कोर्ट पूर्व न्यायधीश पिनाकी चंद्र घोष यानी पीसी घोष
जस्टिस पीसी घोष भारत के पहले लोकपाल नियुक्त होंगे। हालांकि आधिकारीक रूप से इसकी घोषणा नहीं की गई। इसकी घोषणा सोमवार (17 मार्च) को हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के लोकपाल चयन समिति की बैठक ने पीसी घोष का नाम तय किया है। इसके साथ ही समिति ने पीसी घोष के साथ इस लोकपाल में न्यायपालिका से हाईकोर्ट के 4 पूर्व न्यायधीश, चार आईएसएस और आईपीएस व सेवाओं से रिटायर ऑफिसर भी शामिल होंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लोकपाल चयन समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी शामिल थे। हालांकि इस समीति में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम भी था, लेकन उन्होंने समिति की बैठक में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया था। सूत्रों के मुताबिक चयन समिति ने लोकपाल के अलावा आठ सदस्यों का चयन कर लिया है।
जानिए कौन है पीसी घोष
पूर्व जस्टिस पीसी घोष का पूरा नाम पिनाकी चंद्र घोष है। उनका जन्म 1952 में हुआ था। इनके पिता शंभू चंद्र घोष भी जस्टिस थे। पीसी घोष 1997 में कलकत्ता हाईकोर्ट में जज बने। दिसंबर 2012 में वह आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने। इसके बाद वो 8 मार्च 2013 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए। वह 27 मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे। बता दें कि जस्टिस पीसी घोष अपने कार्यकाल के दौरान कई बड़े फैसले लिए। उन्होंने शशिकला और अन्य को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराया था।