नरेन्द्र मोदी सरकार का ये 'ड्रीम प्रोजेक्ट' बैंकिंग सेक्टर में ला सकता है भारी संकट: रघुराम राजन

By पल्लवी कुमारी | Published: September 12, 2018 02:56 PM2018-09-12T14:56:56+5:302018-09-12T14:56:56+5:30

रघुराम राजन ने केन्द्र सरकार को सलाह देते हुए कहा केन्द्र सरकार को बैंकिंग सेक्टर में आने वाले संकटों पर अब पूरा ध्यान देने की जरूरत है। खासकर कर्जमाफी से बचने की जरूरत है।

Former RBI governor raghuram rajan says modi govt MUDRA loans is another crisis in banking | नरेन्द्र मोदी सरकार का ये 'ड्रीम प्रोजेक्ट' बैंकिंग सेक्टर में ला सकता है भारी संकट: रघुराम राजन

पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन की फाइल फोटो

नई दिल्ली, 12 सितंबर:  भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बैंकों में बढ़ रहे नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) के लिए यूपीए सरकार के साथ-साथ नरेन्द्र मोदी सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया है। रघुराम राजन ने कहा केन्द्र सरकार की कई ऐसी योजनाए हैं, जो एनपीए बढ़ा सकती है। रघुराम राजन ये बात बुधवार को बताई। रघुराम राजन ने कहा, केन्द्र सरकार को बैंकिंग सेक्टर में आने वाले संकटों पर अब पूरा ध्यान लगाना चाहिए, क्योंकि जो बीत गया है, उसपर हमें ज्यादा विचार नहीं करना चाहिए। ये सारी बाते राजने ने आकलन समिति के चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी को भेजे पत्र में लिखा है। 

नरेन्द्र मोदी सरकार को दी ये सलाह 

रघुराम राजन ने केन्द्र सरकार को सलाह देते हुए कहा कि सरकार को महत्वाकांक्षी कर्ज लक्ष्य और कर्जमाफी से बचने की जरूरत है। रघुराम राजन ने बताया कि मुद्रा लोन, एमएसएमई क्रेडिट गारंटी और  किसान क्रेडिट जैसी योजनाए ही एनपीए बढ़ाने वाला पहला स्त्रोत है। बता दें कि नरेन्द्र मोदी सरकार मुद्रा लोन जैसी योजना को बेहतर तरीके से लागू करने में जुटी है। 

रघुराम राजन ने कहा, भले ही मुद्रा लोन और किसान क्रेडिट काफी लोकप्रिय योजना है लेकिन अगर सरकार को बैंकिंग सेक्टर में होने वाले घोटालों से बचना है तो इनपर ज्यादा फोकस नहीं करना चाहिए। मुद्रा योजना प्रधानमंत्री की ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है। जिसे एनडीए  सरकार ने 2015 में लॉन्च किया था। 

मुद्रा (MUDRA)वेबसाइट के आंकड़ों के मुताबिक सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सूक्ष्म वित्त संस्थानों द्वारा इस योजना के तहत कुल 6.37 लाख करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं।

17 पेज के पत्र में समझाई सारी बातें 

आकलन समिति के चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी को लिखे 17 पेज के पत्र में कहा, लोन में छूट देना अच्छा नहीं है। हालांकि उन्होंने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया देश के किसानों के लिए काम करने की जरूरत तो है लेकिन इसके लिए हमें दूसरा विकल्प देखना होगा। लोन में छूट देकर हम उनका तो भला कर रहे हैं लेकिन बैंकिंग सेक्टर को बड़ा नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस पत्र में राजन ने यह भी बताया कि बैंकों में बढ़ा एनपीए साल 2006 से 2008 के बीच यूपीए सरकार में सबसे ज्यादा बढ़ा है। 

क्या है नरेन्द्र मोदी सरकार की मुद्रा योजना 

एनडीए सरकार की मुद्रा योजना को 2015 में लागू किया गया था। इसका लक्ष्य स्वरोजगार को जल्दी लोन मिले और लघु उद्योग से ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर मिले पाए। अगर आप खुद का बिजनेस शरू करना चाहते हैं तो आप इस योजान का लाभ उठा सकते हैं। इसी के साथ अगर को अपने बिजनेस को आगे बढ़ाना चाहते हैं तो प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत दस लाख रुपये के लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। 

इस योजना के तहत छोटे-मोटे व्यापारियों को बिना किसी गारंटी के दस लाख रुपये का लोन आसानी से मिलता है। जिसके लिए नरेन्द्र मोदी सरकार ने 2017-2018 के बजट से तीन लाख करोड़ रुपये भी दिए हैं।

English summary :
Former Reserve Bank of India (RBI) Governor Raghuram Rajan has blamed the UPA Government as well as the Narendra Modi government for growth in Non-performing assets (NPAs) in banks. Raghuram Rajan said that there are several such schemes of the Central Government which has increased the NPA. Raghuram Rajan said, the Central Government should think about the crisis that will come in the banking sector.


Web Title: Former RBI governor raghuram rajan says modi govt MUDRA loans is another crisis in banking

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