मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त महाराष्ट्र के गृहमंत्री के खिलाफ सीबीआई जांच के लिए न्यायालय पहुंचे

By भाषा | Updated: March 22, 2021 21:36 IST2021-03-22T21:36:40+5:302021-03-22T21:36:40+5:30

Former Mumbai Police Commissioner reaches court for CBI inquiry against Maharashtra Home Minister | मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त महाराष्ट्र के गृहमंत्री के खिलाफ सीबीआई जांच के लिए न्यायालय पहुंचे

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त महाराष्ट्र के गृहमंत्री के खिलाफ सीबीआई जांच के लिए न्यायालय पहुंचे

मुंबई/नयी दिल्ली, 22 मार्च आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय का रुख कर महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के कथित कदाचार की सीबीआई से ‘पूर्वाग्रह रहित, अप्रभावित, निष्पक्ष और स्वतंत्र’ जांच कराने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख ने एक दिन पहले ही महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की गठबंधन सरकार से अपनी पार्टी के सहकर्मी (देशमुख) के इस्तीफे से मना कर दिया था।

महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर राज्य सभा में प्रश्नकाल के दौरान हंगामा हुआ, जिसके चलते सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) ने ठाणे में मनसुख हिरन की मौत मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। साथ ही, उन्हें सिम कार्ड उपलब्ध कराने वाले गुजरात के एक व्यक्ति को भी हिरासत में लिया है।

एटीएस के मुताबिक, मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे ने हिरन की हत्या में एक अहम भूमिका निभाई थी और इस मामले में उनका नाम मुख्य आरोपी के रूप में सामने आया है। वाजे अब निलंबित हैं और राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की हिरासत में हैं।

भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1988 बैच के अधिकारी सिंह ने शीर्ष न्यायालय में दायर की गई अपनी याचिका में मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से उनके तबादले को ‘मनमाना’ और ‘गैरकानूनी’ होने का आरोप लगाते हुए इस आदेश को रद्द करने का भी अनुरोध किया है।

सिंह ने अंतरिम राहत के तौर पर अपने तबादला आदेश पर रोक लगाने और राज्य सरकार, केंद्र तथा सीबीआई को देशमुख के आवास की सीसीटीवी फुटेज फौरन कब्जे में लेने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है।

पवार ने कहा कि देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के सिंह के आरोप उस अवधि से संबंधित हैं, जब वह अस्पताल में भर्ती थे और इसलिए उनके (गृहमंत्री के) इस्तीफे का सवाल ही नहीं पैदा होता है।

राकांपा प्रमुख पवार ने दो दिनों में दूसरी बार प्रेस वार्ता में दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें सूचना मिली है कि देशमुख उस समय नागपुर में अस्पताल में भर्ती थे। आरोप (सिंह के) उसी समय से संबंधित हैं, जब वह (देशमुख) अस्पताल में भर्ती थे। अस्पताल का प्रमाणपत्र भी है।’’

सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे आठ पृष्ठों के एक पत्र में शनिवार को दावा किया था कि देशमुख चाहते थे कि पुलिस अधिकारी बार और होटलों से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करें।

उन्होंने आरोप लगाया था कि देशमुख ने मुंबई पुलिस के एपीआई सचिन वाजे को फरवरी के मध्य में आवास पर बुलाया था और उससे हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था।

हालांकि, देशमुख ने आरोपों से इनकार किया है।

सिंह ने पत्र में यह आरोप भी लगाया था कि देशमुख ने मुंबई पुलिस के एपीआई सचिन वाजे को मध्य फरवरी के आसपास अपने आधिकारिक आवास पर बुलाया था और उन्हें एक महीने में 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था।

पवार ने आरोपों को लेकर अस्पताल के एक प्रमाणपत्र को पढ़ते हुए कहा, ‘‘ देशमुख कोरोना वायरस संक्रमण के चलते पांच से पंद्रह फरवरी तक नागपुर के एक अस्पताल में भर्ती थे और उसके बाद 15 से 27 फरवरी तक वह चिकित्सकों की निगरानी में थे।’’

राकांपा प्रमुख ने कहा, ‘‘(राज्य) सरकार के सभी रिकार्ड भी यह कहते हैं कि पूरे तीन हफ्ते तक वह (देशमुख) बंबई (मुंबई) में नहीं थे। वह नागपुर में थे, जो उनका गृह नगर है। यही कारण है कि इस स्थिति में इस्तीफे का सवाल ही पैदा नहीं होता है। ’’

वहीं, भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि देशमुख ने 15 फरवरी को संवाददाता सम्मेलन किया था, जो पवार के इस कथन से विरोधाभासी है कि वह (देशमुख) उस वक्त अस्पताल में भर्ती थे।

राकांपा प्रमुख पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट किया, ‘‘शरद पवार जी ने कहा, ‘‘15 से 27 फरवरी तक गृह मंत्री अनिल देशमुख घर पर पृथकवास में थे।’’

फडणवीस ने कहा, ‘‘लेकिन वास्तव में सुरक्षा कर्मियों और मीडिया के साथ वह संवाददाता सम्मेलन करते देखे गए थे।’’

देशमुख ने ट्विटर पर पोस्ट किये गये एक वीडियो में कहा है कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने के चलते वह पांच फरवरी से 15 फरवरी तक नागपुर के एलेक्सिस अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें 15 फरवरी को अस्पताल से छुट्टी मिली थी।

वाजे इस वक्त एनआईए की हिरासत में हैं, जो उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के पास एक संदिग्ध वाहन बरामद होने के मामले की जांच कर रही है। वाहन से जिलेटिन की छड़ें और धमकी भरा एक पत्र मिला था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Former Mumbai Police Commissioner reaches court for CBI inquiry against Maharashtra Home Minister

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे