डीएम हत्याकांड में सजा काट रहे पूर्व सांसद आनंद मोहन पैरोल पर आए बाहर, गरमायी सियासत
By एस पी सिन्हा | Published: November 2, 2022 07:07 PM2022-11-02T19:07:35+5:302022-11-02T19:07:35+5:30
आनंद मोहन के समर्थक लंबे समय से उनकी रिहाई के लिए मांग कर रहे हैं। आनंद मोहन अपनी पुत्री सुरभि आनंद के विवाह और 97 वर्षीय मां गीता देवी के बिगड़े स्वास्थ्य के कारण 15 दिनों के पैरोल पर बाहर आए हैं।
पटना:बिहार विधानसभा मोकामा और गोपालगंज में उपचुनाव के लिए गुरुवार को मतदान होना है। लेकिन मतदान से ठीक एक दिन पहले पूर्व सांसद आनंद मोहन जेल से बाहर आ गये हैं। ऐसे में राजनीतिक पर इसका असर होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
आनंद मोहन गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया की हत्या के मामले में आजीवन कारावास सजा काट रहे हैं। उनकी पत्नी पूर्व सांसद लवली आनंद फिलहाल राजद के साथ जुड़ी हुई हैं और पुत्र चेतन आनंद राजद विधायक हैं।
बता दें कि आनंद मोहन के समर्थक लंबे समय से उनकी रिहाई के लिए मांग कर रहे हैं। आनंद मोहन अपनी पुत्री सुरभि आनंद के विवाह और 97 वर्षीय मां गीता देवी के बिगड़े स्वास्थ्य के कारण 15 दिनों के पैरोल पर बाहर आए हैं। 15 दिन बाद उन्हें फिर से जेल जाना पड़ेगा।
शिवहर के पूर्व सांसद और बिहार पीपुल्स पार्टी पार्टी के संस्थापक आनंद मोहन गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड में सजायाफ्ता है। मुजफ्फरपुर के खबरा में पूर्व विधायक छोटन शुक्ला की हत्या के बाद हुए बबाल में डीएम कृष्णैया की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। 7 नवंबर को आनंद मोहन के घर में शादी समारोह है। आनंद मोहन की बेटी हाईकोर्ट में एडवोकेट है।
बता दें कि आनंद मोहन राजपूत बिरादरी से आते हैं। एक बड़ा तबका उनका समर्थक भी है, जो लगातार पिछले कई महीनों से उनकी रिहाई की मांग करता आया है। गोपालगंज और मोकामा की सीट पर मतदान होना है। दोनों सीटें ऐसी हैं, जिनमें सवर्ण वोटरों की भी बड़ी भूमिका रहती है। राजपूत वोटर भी यहां चुनाव में बड़ा फैक्टर बनते हैं।
उल्लेखनीय है कि पहले भी आनंद मोहन जेल से बाहर आए थे तो मामला काफी विवादित हुआ था। कोर्ट में पेशी के लिए निकले आनंद मोहन अपने घर पहुंच गए थे। परिवार और समर्थकों से मुलाकात की थी। आनंद मोहन ने खगड़िया के सर्किट हाउस में विश्राम भी किया था। मामला उजागर होने के बाद कई पुलिसकर्मियों को निलंबित भी कर दिया गया था।