कर्नाटक के पूर्व मंत्री वैजानाथ पाटिल का निधन, राज्य के एक क्षेत्र में आर्टिकल 371 लागू करने की मांग को लेकर किया था संघर्ष
By अभिषेक पाण्डेय | Published: November 2, 2019 10:14 AM2019-11-02T10:14:26+5:302019-11-02T10:14:26+5:30
Vaijanath Patil: कर्नाटक के पूर्व मंत्री वैजानाथ पाटिल का 82 वर्ष की उम्र में शनिवार को बेंगलुरु में निधन हो गया, वह लंबे समय से बीमारी से पीड़ित थे
कर्नाटक के पूर्व मंत्री वैजानाथ पाटिल का शनिवार को 82 वर्ष की उम्र में बेंगलुरु में निधन हो गया। पाटिल एक एक प्रख्यात सामाजिक नेता भी थे, जिन्होंने कल्याण (हैदराबाद-कर्नाटक) के लिए विशेष दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर संघर्ष किया।
पाटिल अपने पीछे पत्नी, दो पुत्रियों और तीन बेटों को छोड़ गए हैं, जिनमें MSIL के पूर्व चेयरपर्सन डॉ. विक्रम पाटिल और जिला पंचायत सदस्य गौतम पाटिल शामिल हैं। उनके पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक, पाटिल का अंतिम सरकार कलीबुर्गी के चिंचोली में रविवार को होगा।
पाटिल को एक लंबी बीमारी के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पाटिल ने 1984 में मुख्यमंत्री रामकृष्ण हेगड़े की कैबिनेट में बागवानी मंत्री के पद पर काम करने के बाद 1994 में एचडी देवगौड़ा की सरकार में शहरी विकास विभाग संभाला था।
बीदर से आने वाले पाटिल बाद में कलाबुर्गी जिले के चिंचोली में रहने लगे थे। वह चिंचोली से दो बार विधायक और गुलबर्गा से दो बार एमएलसी रहे।
कर्नाटक के एक क्षेत्र को विशेष दर्जा दिलाने की मांग के लिए किया संघर्ष
पाटिल कर्नाटक कल्याण (उत्तर-पश्चिम) के पिछड़े इलाके के लिए आर्टिकल 371 के तहत विशेष दर्जे की मांग को लेकर हुए दो दशक लंबे संघर्ष में जुनूनी तौर पर शामिल थे। पाटिल कई आंदोलनों के अगुवा रहे।
उनका वैचारिक रुख ऐसा था कि वह इस क्षेत्र के प्रति किसी भी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने में कभी हिचके नहीं और उन्होंने संबंधित सरकारों से तुरंत कार्रवाई की मांग की। एक बार तो उन्होंने इस क्षेत्र के प्रति सरकार के लापरवाह रवैये से नाराज होकर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।