ममता बनर्जी की करीबी पूर्व IPS भारती घोष BJP में शामिल, जबरन वसूली के मामले में CID ने दर्ज किया था केस
By पल्लवी कुमारी | Published: February 4, 2019 08:03 PM2019-02-04T20:03:20+5:302019-02-04T20:03:20+5:30
पूर्व आईपीएस ऑफिसर भारती घोष के बीजेपी में शामिल होने के बाद बीजेपी ने कहा, भारती घोष के शामिल होने से पश्चिम बंगाल में पार्टी की स्थिति और मजबूत होगी।
पश्चिम बंगाल में शारदा चिटफंड घोटाले को लेकर रविवार की रात से संग्राम छिड़ा हुआ है। इसी बीच खबर आई है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की करीबी माने जानें वाली पूर्व आईपीएस ऑफिसर भारती घोष सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गई हैं। राजधानी दिल्ली में हुए इस समारोह में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के साथ-साथ पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और मुकुल रॉय भी मौजूद थे।
भारती घोष के बीजेपी में शामिल होने के बाद बीजेपी ने कहा, भारती घोष के शामिल होने से पश्चिम बंगाल में पार्टी की स्थिति और मजबूत होगी। भारती घोष ने ने 29 दिसंबर 2017 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। भारती घोष के इस्तीफे के बाद से ये चर्चा आम हो गई थी कि वो जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकती हैं। आईपीएस अफसर भारती घोष ने पश्चिम मेदिनीपुर के पुलिस अधीक्षक पद से तबादले के बाद पुलिस महानिदेशक को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
Delhi: Former IPS officer Bharati Ghosh joins Bharatiya Janata Party (BJP) in presence of Union Minister Ravi Shankar Prasad and BJP leaders Kailash Vijayvargiya & Mukul Roy. pic.twitter.com/R8UJO1FBJL
— ANI (@ANI) February 4, 2019
कौन हैं भारती घोष?
भारती घोष ममत बनर्जी की एक वक्त काफी करीबी मानी जाती थी। लेकिन ऐसा कहा जात है कि ममता बनर्जी से तबादले को लेकर हुए मतभेद के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। पूर्व आईपीएस भारती घोष पर सीडीआई ने कई केस दर्ज किए हैं। इनके पति सीआईडी की कस्टडी में हैं। भारती घोष पर जबरन वसूली और आपराधिक साजिश रचने का आरोप है। इन आरोपों के बाद कुछ दिनों के लिए भारती घोष गायब हो गईं थीं। बाद में इस मामले में भारती घोष को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गईं थी।
उस वक्त भारती घोष मे कहा था- ममत की सरकार ने जानबुझ कर ऐसा किया है। ये सब मेरी छवि को खराब के लिए साजिश रची गई है। 2011 में पश्चिम बंगाल में सीएम ममता बनर्जी के सत्ता में आने पर भारती घोष को पश्चिम मिदनापुर की एसपी के साथ झारग्राम का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था।
भारती घोष को 2014 में पुलिस सर्विस मेडल से नवाजा गया
भारती घोष को 15 अगस्त, 2014 में पुलिस सर्विस मेडल भी दिया गया था। उन्हें यह मेडल क्षेत्र को माओवाद से मुक्त करने, माओवादी नेता किशन जी उर्फ कोटेश्वर राव की मौत और कई माओवादी नेताओं के आत्मसमर्पण के लिए दिया गया था। 2014 लोकसभा चुनाव के समय उनका तबादला 24 परगना जिले के बैरकपुर में स्थित राज्य सशस्त्र पुलिस(एसएपी) की तीसरी बटालियन में कमांडिंग ऑफिसर के पद पर कर दिया गया था जिसके बाद वो ममत सरकार से खपा होकर इस्तीफा दे दिया था। भारती घोष ने हार्वर्ड से मैनेजमेंट में डिग्री ली है। इसके बाद वह भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में जाने से पूर्व कोलकाता मैनेजमेंट ऑर्गनाइजेशन में बतौर शिक्षक कार्यरत रहीं।