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गोवा की पुर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा का निधन, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने जताया शोक

By भाषा | Updated: November 18, 2020 22:17 IST

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नयी दिल्ली, 18 नवंबर भाजपा की वरिष्ठ नेता एवं गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा का बुधवार को यहां निधन हो गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित अन्य कई प्रमुख हस्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और एक प्रभावी लेखिका के रूप में साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान को याद किया।

भाजपा के एक नेता के मुताबिक सिन्हा (77 वर्षीय) का बुधवार को राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। शनिवार को उन्हें दिल का दौरा पड़ा था और उसके बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था।

उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को दिल्ली में उनका अंतिम संस्कार होगा। वह बिहार से थीं और जनसंघ से जुड़ी हुई थीं। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गई थीं।

राष्ट्रपति कोविंद ने सिन्हा के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया, ‘‘गोवा की पूर्व राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा जी के निधन की खबर से दुःख हुआ। उत्कृष्ट लेखिका और शिक्षिका मृदुला सिन्हा जी देश की, विशेष रूप से बिहार की स्थानीय परम्पराओं और सांस्कृतिक जीवन को गहराई से समझती थीं। उनके परिवार व सहयोगियों के प्रति मेरी शोक-संवेदना।’’

उपराष्ट्रपति ने कहा कि मृदुला सिन्हा का असामयिक निधन साहित्य और सांस्कृतिक जगत की अपूरणीय क्षति है।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘दिवंगत पुण्यात्मा को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि और शोकसंतप्त परिजनों के हार्दिक संवेदनाएं। ओम शांति!।’’

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा के निधन पर गहरा दुख: व्यक्त किया है।

प्रधानमंत्री ने सिन्हा के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि वह एक समाज सेवी के अलावा कुशल लेखिका भी थीं जिन्होंने साहित्य और सांस्कृतिक जगत में भी बहुत बड़ा योगदान दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘श्रीमती मृदुला सिन्हा जी को सार्वजनिक सेवा के प्रति उनके प्रयासों के लिए याद किया जाएगा। वह एक कुशल लेखिका भी थीं, जिन्होंने साहित्य के साथ-साथ संस्कृति की दुनिया में भी व्यापक योगदान दिया। उनके निधन से बहुत दुखी हूँ। उनके परिवार और स्वजनों के प्रति संवेदना। ओम शांति।"

वयोवृद्ध भाजपा नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने अपने शोक संदेश में उन्हें कई नेताओं का प्रेरणास्रोत बताया।

उन्होंने कहा कि सिन्हा ने अपना पूरा जीवन राष्ट्र, पार्टी और समाज के लिए समर्पित किया और महिला सशक्तिकरण, पिछड़ों के उत्थान और समाज के कमजोर वर्गों की आवाज उठाने का काम किया।

उन्होंने कहा, ‘‘मृदुला जी बहुत ही कुशल लेखिका भी थीं और अपनी लेखनी से उन्होंने साहित्य जगत में भी बड़ा योगदान दिया।’’

आडवाणी ने कहा कि वह स्वभाव से भी बहुत मिलनसार थीं और उनसे मिलना हमेशा आनंदायक होता था।

शाह ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने जीवन पर्यन्त देश, समाज और भाजपा संगठन के लिए काम किया।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘गोवा की पूर्व राज्यपाल व वरिष्ठ भाजपा नेता मृदुला सिन्हा जी का निधन बहुत दुःखद है। उन्होंने जीवन पर्यन्त राष्ट्र, समाज और संगठन के लिए काम किया। वह एक निपुण लेखिका भी थीं, जिन्हें उनके लेखन के लिए भी सदैव याद किया जाएगा। उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ। ॐ शान्ति।’’

भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने उनके निधन को पार्टी के लिए बहुत बड़ा नुकसान बताया।

उन्होंने कहा, ‘‘गोवा की पूर्व राज्यपाल, प्रख्यात साहित्यकार एवं भाजपा की वरिष्ठ नेत्री मृदुला सिन्हा जी के निधन से मन व्यथित है। उनका निधन भाजपा परिवार के लिए एक अपूर्णीय क्षति है। मैं ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं तथा शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।’’

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सिन्हा का निधन उनके लिए बेहद पीड़ादायक है। वे अपने लम्बे सार्वजनिक जीवन में हर दायित्व को निभाने में सहज और सफल रहीं।

उन्होंने कहा, ‘‘एक लेखिका के रूप में भी उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई। उनका पूरा जीवन समाज और साहित्य की सेवा के प्रति समर्पित रहा। मृदुलाजी ने हमेशा महिलाओं, वंचितों और अन्य निर्बल वर्गों से जुड़े मुद्दों को अपनी आवाज़ दी। उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। मैं उनके प्रति अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ। ओम् शांति!।’’

भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष रह चुकी मृदुला सिन्हा गोवा के राज्यपाल के रूप में अपनी नियुक्ति से पहले तक भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की भी सदस्य रहीं।

गोवा के राज्यपाल के रूप में वर्ष 2017 में भाजपा को सरकार बनाने का न्योता देने का उनका फैसला विवादों में रहा। कांग्रेस ने उस वक्त उनकी बहुत आलोचना की थी। कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी जबकि विधानसभा त्रिशंकु थी।

उनका जन्म 27 नवंबर 1942 को बिहार के मुजफ्फरपुर में हुआ था। वह बिहार में एक कॉलेज में प्राध्यापिका भी रहीं। उनका विवाह बिहार में जन संघ के अग्रणी नेता रहे राम कृपाल सिन्हा से हुआ था। उनके पुत्र नवीन सिन्हा भी भाजपा के नेता हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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