सीवर के काम में लापरवाही के कारण पूर्व जिलाधिकारी, टाटा प्रोजेक्ट्स के अधिकारियों को सजा
By भाषा | Updated: March 3, 2021 22:17 IST2021-03-03T22:17:03+5:302021-03-03T22:17:03+5:30

सीवर के काम में लापरवाही के कारण पूर्व जिलाधिकारी, टाटा प्रोजेक्ट्स के अधिकारियों को सजा
कोटा (राजस्थान), तीन मार्च बूंदी में एक दीवानी अदालत ने सीवर के काम में लापरवाही करने के लिए पूर्व जिलाधिकारी, टाटा प्रोजेक्ट्स के दो अधिकारियों और सात अन्य को तीन महीने जेल की सजा सुनाई है और उनकी संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है।
एजेंसी ने शहरी विकास परियोजना के तहत 2018 में काम किया था लेकिन कथित तौर पर इसके कारण सड़कों पर गहरे गड्ढे बन गए थे और बिजली, पानी तथा टेलीफोन की लाइन टूट गई थी।
अदालत ने 26 फरवरी को आदेश जारी किया था लेकिन आदेश की प्रति बुधवार को जारी की गई।
न्यायाधीश निखिल कुमार नाद ने कहा कि बूंदी के तत्कालीन जिलाधिकारी महेश चंद शर्मा, टाटा प्रोजेक्ट्स, सिकंदराबाद, तेलंगाना, अध्यक्ष सोमैया रामकृष्णन, कंपनी के प्रबंध निदेशक विनायक देशपांडे और अन्य लोग इस कार्य में लापरवाही और जून 2018 में अदालत की अवमानना के लिए जिम्मेदार हैं।
बूंदी के एक निवासी महावीर मीणा ने “अनियोजित” तरीके से किए गए सीवर के कार्य के लिए स्थानीय लोगों की ओर से फरवरी 2018 में बूंदी दीवानी अदालत में मामला दर्ज कराया था।
टाटा प्रोजेक्ट्स के वकील राजकुमार माथुर ने कहा कि अदालत के आदेश को चुनौती दी जाएगी।
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