लाइव न्यूज़ :

नास्कॉम के पूर्व अध्यक्ष ने कहा-लॉकडाउन लंबा चला, तो आईटी उद्योग में जा सकती हैं नौकरियां

By भाषा | Updated: April 12, 2020 14:32 IST

Corona Impact: स्टार्टअप्स कंपनियां उद्यम पूंजीपतियों से मिले कोष से चल रही हैं। उन्होंने कहा कि बड़ी कंपनियां दो वजहों से नौकरियों में कटौती नहीं करेंगी। एक तो वे अपने कर्मचारी नहीं गंवाना चाहती हैं। दूसरा उनके पास कर्मचारियों को देने के लिए धन की कमी नहीं है।

Open in App
ठळक मुद्देलॉकडाउन लंबा चलता है, तो सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग में नौकरियों में कटौती हो सकती है।घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) दीर्घावधि में एक सकारात्मक पहलू हो सकता है।

हैदराबाद: नास्कॉम के पूर्व अध्यक्ष आर चंद्रशेखर का मानना है कि कोविड-19 महामारी की वजह से यदि लॉकडाउन लंबा चलता है, तो सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग में नौकरियों में कटौती हो सकती है। चंद्रशेखर ने कहा कि घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) दीर्घावधि में एक सकारात्मक पहलू हो सकता है। इससे आईटी कंपनियों के लिए नए रास्ते खुलेंगे और उनके निवेश में बचत होगी। पूर्व नौकरशाह ने कहा कि यदि मौजूदा स्थिति और खराब होती है तो स्टार्टअप्स के लिए दिक्कत आ सकती है।

स्टार्टअप्स कंपनियां उद्यम पूंजीपतियों से मिले कोष से चल रही हैं। उन्होंने कहा कि बड़ी कंपनियां दो वजहों से नौकरियों में कटौती नहीं करेंगी। एक तो वे अपने कर्मचारी नहीं गंवाना चाहती हैं। दूसरा उनके पास कर्मचारियों को देने के लिए धन की कमी नहीं है। चंद्रशेखर ने कहा कि कुछ बड़ी कंपनियां यदि नौकरियों की कटौती करती भी हैं, तो वे अस्थायी या इंटर्न कर्मचारिेयों को हटाएंगीं। उन्होंने कहा कि जब तक इन कंपनियों की जेब अनुमति देगी, वे नियमित और स्थायी कर्मचारियों को नहीं हटाएंगी।

हालांकि, इसके साथ ही चंद्रशेखर ने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि यह स्थिति कब तक रहती है। एक महीने, दो महीने या तीन महीने। उसके बाद ये कंपनियां भी दबाव में आ जाएंगी। कंपनियां अपने कर्मचारियों को सब्सिडी देना जारी नहीं रख सकते हैं।

चंद्रशेखर नेकहा कि सवाल यह है कि ऐसी स्थिति कब तक रहती है। उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देशों में कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं। लघु अवधि में इसका उद्योग पर नकारात्मक असर होगा। लेकिन भविष्य में यह कार्य संस्कृति में ऐसा बदलाव लाएगा, जो भारत में आईटी कंपनियों ने अभी तक अनुभव नहीं किया है। चंद्रशेखर ने कहा कि भविष्य में वर्क फ्रॉम होम से कर्मचारी की उत्पादकता, लॉजिस्टिक्स लागत और कार्यालय स्थल की बचत होगी। भाषा अजय अजय मनोहर मनोहर

टॅग्स :कोरोना वायरसकोरोना वायरस इंडिया
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यCOVID-19 infection: रक्त वाहिकाओं 5 साल तक बूढ़ी हो सकती हैं?, रिसर्च में खुलासा, 16 देशों के 2400 लोगों पर अध्ययन

भारत'बादल बम' के बाद अब 'वाटर बम': लेह में बादल फटने से लेकर कोविड वायरस तक चीन पर शंका, अब ब्रह्मपुत्र पर बांध क्या नया हथियार?

स्वास्थ्यसीएम सिद्धरमैया बोले-हृदयाघात से मौतें कोविड टीकाकरण, कर्नाटक विशेषज्ञ पैनल ने कहा-कोई संबंध नहीं, बकवास बात

स्वास्थ्यमहाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 12 मामले, 24 घंटों में वायरस से संक्रमित 1 व्यक्ति की मौत

स्वास्थ्यअफवाह मत फैलाओ, हार्ट अटैक और कोविड टीके में कोई संबंध नहीं?, एम्स-दिल्ली अध्ययन में दावा, जानें डॉक्टरों की राय

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत