बिहार के पूर्व मंत्री जीवेश मिश्रा ने नीतीश के पीएम पद के ख्वाब को बताया पॉलिटिकल कॉमेडी
By एस पी सिन्हा | Published: January 1, 2023 06:19 PM2023-01-01T18:19:20+5:302023-01-01T18:30:36+5:30
उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार अपने बल पर आजतक बिहार का मुख्यमंत्री नहीं बन पाएं तो देश का प्रधानमंत्री क्या बनेंगे? उन्होंने कहा कि नीतीश का पीएम बनना पॉलिटिकल कॉमेडी से ज्यादा कुछ नहीं।

बिहार के पूर्व मंत्री जीवेश मिश्रा ने नीतीश के पीएम पद के ख्वाब को बताया पॉलिटिकल कॉमेडी
पटना: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के द्वारा राहुल गांधी को 2024 में विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का चेहरा बता दिये जाने के बाद बिहार की सियासत गरमा गई है। भाजपा के नेता एक बार फिर से नीतीश कुमार पर हमलावर हो गए हैं। भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री जीवेश मिश्रा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार अपने बल पर आजतक बिहार का मुख्यमंत्री नहीं बन पाएं तो देश का प्रधानमंत्री क्या बनेंगे? उन्होंने कहा कि नीतीश का पीएम बनना पॉलिटिकल कॉमेडी से ज्यादा कुछ नहीं।
जीवेश मिश्रा ने कहा कि नीतीश 17 साल के कार्यकाल में एक बार भी अपने बल पर मुख्यमंत्री नहीं बन पाए, हर बार उन्हें किसी न किसी के मदद की जरुरत पड़ी। उन्होंने कहा कि नीतीश के पीएम उम्मीदवार बनने की बात को भाजपा एक राजनीतिक मजाक के रूप में देखती है। खुद अपने मुंह से कोई व्यक्ति यह कह दें कि वह देश का प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बन रहा है तो वह ख्याली पुलाव पकाता रहे, इससे भाजपा कोई इत्तेफाक नहीं रखती है।
वहीं जदयू के द्वारा यह दावा किये जाने पर कि जिस तरह से बिहार का विकास हुआ है, उसी तरह से देश का विकास करेंगे। इसपर उन्होंने कहा कि बिहार में कौन सा ऐसा काम हो गया है जो जदयू पूरे देश में करने की बात कह रही है? नीतीश कुमार और उनके जितने भी लोग हैं, उनकी छाती पर सांप लोट रहा है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज देश का गरीब से गरीब व्यक्ति भी लाभान्वित हो रहा है। इन लोगों ने क्या ऐसा कर दिया है? 17 साल के भीतर अगर कोई एक आदमी किसी एक राज्य का मुखिया रहे और इसके बाद भी वह राज्य विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल न हो पाए, इससे बड़ी शर्मिंगदी की बात क्या होगा?
वहीं इस सवाल पर कि भाजपा भी 17 वर्षों तक नीतीश के साथ सत्ता में रही, इसपर जीवेश मिश्रा ने कहा कि 17 सालों तक नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री रहे, भाजपा ने उन्हें बिहार के हित के लिए समर्थन देने का काम किया। बिहार में 2005 से पहले जो जंगलराज और आतंक का माहौल था, उसको रोकने के लिए भाजपा ने नीतीश कुमार को सहयोग देकर आगे किया था। पहले पांच साल नीतीश कुमार की सरकार में काम जरूर हुआ, लेकिन उसके बाद से सरकार की कोई भी बड़ी उपलब्धि नहीं रही। नीतीश ने जो किया उसका भाजपा ने समर्थन किया। लेकिन जब विरोध करना शुरू किया तो सरकार से अलग हो गए।
उन्होंने कहा कि भाजपा के मंत्री बिहार और बिहार की जनता के हित में काम करना चाह रहे थे, यह बात नीतीश कुमार को पसंद नहीं आई और उन्होंने भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया।