बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव की पढ़ाई पर कसा तंज, कहा-मेरा बेटा उन्हें पढ़ा भी सकता है
By एस पी सिन्हा | Published: February 17, 2023 04:55 PM2023-02-17T16:55:58+5:302023-02-17T16:55:58+5:30
जीतन राम मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री बनाने के लिए जिनका नाम आता है, मेरा बेटा उनको पढ़ा भी सकता है। इससे पहले यात्रा के दौरान उन्होंने नीतीश सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे।
पटना: बिहार में गरीब संपर्क यात्रा पर निकले पूर्व मुख्यमंत्री व हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी कई बार इशारों-इशारों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर हमला बोल रहे हैं। उन्होंने उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के पढ़ने-लिखने को लेकर उन पर तंज कसा है। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए बिना किसी का नाम लिए कटाक्ष करते हुए मांझी ने कहा कि मेरा बेटा संतोष सुमन बिहार का मुख्यमंत्री बनने के योग्य है क्योंकि वह पढ़ सकता है और दूसरों को पढ़ा भी सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनाने के लिए जिनका नाम आता है, मेरा बेटा उनको पढ़ा भी सकता है।
इससे पहले यात्रा के दौरान उन्होंने नीतीश सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। अब उन्होंने अपने बेटे संतोष मांझी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने की मांग रखकर महागठबंधन के प्रमुख नेताओं के माथे पर बल ला दिया है। उन्होंने कहा कि जब हमारे समाज के लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं होगा तक उत्थान नहीं होगा। 75 सालों में कई सरकारें आईं, लेकिन हमारे लोग नहीं आये। हमारे लोग 9 महीना आये, लेकिन वह लोगों को बर्दाश्त नहीं हुआ। आज इसीलिए संतोष का नाम लेते हैं, वो पढ़ा लिखा है इसलिए हम संतोष का नाम मुख्यमंत्री के लिए प्रेषित करते हैं।
उन्होंने कहा कि संतोष को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए। मुख्यमंत्री के लिए बहुतों का नाम आता है, वैसे लोगों को पढ़ा सकता है। वह नेट है। प्रोफेसर है। सब कुछ है। सिर्फ यही है कि वह भुइयां जाति से आता है, जो दलित हैं। गरीब तबके के लोग हैं, जिसकी आबादी 90 प्रतिशत है, उसका नेतृत्व नहीं होगा?
मीडिया से बातचीत करते हुए अपने बेटे संतोष सुमन को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने के सवाल पर मांझी ने कहा कि "संतोष का नाम इसलिए लेते हैं क्योंकि वह युवा है, पढ़ा-लिखा है और जिन बहुत से लोगों का नाम मुख्यमंत्री बनने के लिए आता है उन्हें भी पढ़ा सकता है। संतोष को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। ऐसा नहीं है कि संतोष केवल भुइया जाति से आते हैं, बल्कि वह एक प्रोफेसर भी हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री मांझी का यह बयान जुलाई 2022 के तेजस्वी यादव के भाषण के संदर्भ में देखा जा रहा है जब बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में पीएम मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मंच पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी मौजूद थे। समारोह में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव एक लिखित भाषण पढ़ने के दौरान कई बार फंसे थे। वे कई शब्द ठीक से नहीं पढ़ पाए थे। समारोह में तेजस्वी को भाषण के लिए चार मिनट का समय मिला था जिसमें उन्होंने छह बार गलतियां की थी।