पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर साधा निशाना, लगाया मोकामा में छल करने का आरोप
By एस पी सिन्हा | Published: December 7, 2022 07:11 PM2022-12-07T19:11:24+5:302022-12-07T19:12:39+5:30
पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस मोकामा टाल के विकास की बातें कर पहले 1989 में लोकसभा पहुंचे और पिछले 17 साल से मुख्यमंत्री हैं, उस टाल की परेशानी आज तक दूर नहीं हुई।
पटना: बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन की सरकार में शामिल जदयू और राजद भले ही एक दूसरे से राजनीतिक रूप से जुड़ गए हों, लेकिन लगता है कि कार्यकर्ता और विधायकों में अभी भी जुड़ाव नहीं हुआ है। इसका ताजा उदहारण यह है कि राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने आज फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस मोकामा टाल के विकास की बातें कर पहले 1989 में लोकसभा पहुंचे और पिछले 17 साल से मुख्यमंत्री हैं, उस टाल की परेशानी आज तक दूर नहीं हुई। मोकामा टाल की समस्या को अब वे विधानसभा में उठाएंगे। उन्होंने जल जमाव से जूझ रहे किसानों को आश्वसन दिया कि वे आगामी विधानसभा सत्र में इस मुद्दे को सदन में प्रमुखता से उठाएंगे।
सुधाकर सिंह ने कहा कि वर्ष 2021 जब वे विपक्ष में थे तब भी उन्होंने सदन में इस मुद्दे पर नीतीश सरकार से सवाल किया था। टाल की समस्या नहीं सुलझने को नीतीश की वादाखिलाफी मानी जाए के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे पिछले साल से ही यही कहते आ रहे हैं। एक बार फिर से आगामी सत्र में वे टाल की समस्या को उठाएंगे। टाल जल जमाव से जूझ रहा है।
लाखों किसान परेशान हैं लेकिन इसकी सुध लेने के लिए सरकार आगे नहीं आ रही है। मोकामा से राजगीर और गया गंगा का पानी ले जाने की 5500 करोड़ रुपए की परियोजना की व्यवहार्यता पर सुधाकर सिंह ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि वे बरसात के दिनों में गंगा का पानी मोकामा से नालंदा, नवादा और गया ले जाएंगे।
दूसरी और मोकामा टाल के इलाके में बरसात में जो पानी आता है वह भी बारिश का ही होता है। ऐसे में गंगा का पानी ले जाने से बेहतर कम खर्च में उसी बरसात के पानी को रोककर उन तीनों जिलों में जलापूर्ति की जा सकती थी। लेकिन नीतीश सरकार ने ऐसा नहीं किया। सुधाकर सिंह ने नीतीश सरकार के कृषि कानून को नकारते हुए कहा कि वर्तमान कृषि कानून से किसानों को डेढ़ लाख करोड़ का नुकसान हो रहा है।
पूर्व कृषि मंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार के गलतियों की वजह से आज बिहार के किसान का हाल बेहाल है, जहां बिहार में चावल 2200 सौ किलो प्रति हेक्टेयर का उपज है, तो पंजाब में 4800 किलो प्रति हेक्टेयर है। अगर हम पंजाब के मुकाबले बिहार के किसानों को आय की बात करें तो 20000 करोड़ का सालाना कम आय हो रहा है जो एक राज्य के बजट के बराबर है।