अतिक्रमण की अनुमति देकर वन कानूनों को विफल नहीं किया जा सकता : एनजीटी
By भाषा | Published: November 10, 2020 09:51 PM2020-11-10T21:51:49+5:302020-11-10T21:51:49+5:30
नयी दिल्ली, 10 नवंबर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने मंगलवार को दिल्ली सरकार को दक्षिणी दिल्ली के जौनापुर और डेरा मंडी वन क्षेत्र से अवैध अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया और कहा कि अतिक्रमण की अनुमति देकर वन कानूनों को विफल नहीं किया जा सकता।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए के गोयल के नेतृत्व वाली पीठ ने एसडीएम, महरौली के इस आश्वासन के बाद आदेश पारित किया कि कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अधिकरण ने उल्लेख किया कि 18 अगस्त 2020 को अतिक्रमण गिराने की प्रस्तावित कार्रवाई पुलिस बल उपलब्ध न होने की वजह से नहीं की जा सकी जबकि पहले ही इस बारे में सूचित कर दिया गया था कि कार्रवाई के दिन पर्याप्त पुलिस बल सुनिश्चित किया जाए।
पीठ ने कहा, ‘‘हालांकि, यह सच है कि इस तरह के अतिक्रमण को हटाना एक चुनौती है, लेकिन यदि कानून का शासन लागू नहीं किया जाएगा तो हम कानून रहित समाज बन जाएंगे। अतिक्रमण की अनुमति देकर वन कानूनों को विफल नहीं होने दिया जा सकता।’’
अधिकरण ने आगे की कार्रवाई करने और 31 मार्च तक स्थिति रिपोर्ट दायर करने का निर्देश जारी किया।
एनजीटी दक्षिणी दिल्ली निवासी अमरजीत सिंह नलवा और अन्य की याचिका पर विचार कर रहा था, जिसमें अतिक्रमण हटाने के 2015 के एनजीटी के आदेश के क्रियान्वयन का निर्देश दिल्ली सरकार को देने का आग्रह किया गया है।
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