China के मुद्दे पर ‘‘बहुत अडिग’’ रहे हैं पीएम मोदी- बोले विदेश मंत्री एस. जयशंकर, बताया चीन से निपटने का यह है सही तरीका
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 25, 2022 09:20 PM2022-11-25T21:20:07+5:302022-11-25T21:44:48+5:30
‘टाइम्स नाउ शिखर सम्मेलन’ में बोलते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि पीएम मोदी चीन के मुद्दे पर ‘‘बहुत अडिग’’ रहे हैं और उन्हें चीन-भारत सीमा पर हमारे बलों की मजबूत तैनाती से ही आंका जाना चाहिए।

फोटो सोर्स: ANI फाइल फोटो
नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चीन के मुद्दे पर ‘‘बहुत अडिग’’ रहे हैं और उन्हें चीन-भारत सीमा पर हमारे बलों की मजबूत तैनाती से आंका जाना चाहिए। उन्होंने हाल में प्रधानमंत्री के चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से हाथ मिलाने को लेकर विपक्ष की आलोचना को खारिज कर दिया है और इस पर यह बयान दिया है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने क्या कहा
इस पर बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ व्यवहार करते हुए, वास्तविकता यह है कि यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, भारत का निकटतम पड़ोसी है, लेकिन साथ ही इसके साथ एक मुश्किल इतिहास, संघर्ष और एक बहुत बड़ा सीमा विवाद रहा है।
चीन से निपटने के लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया सही तरीका
मामले में बोलते हुए विदेश मंत्री ने ‘टाइम्स नाउ शिखर सम्मेलन’ में कहा कि चीन से निपटने का सही तरीका यह है कि जब किसी को दृढ़ रहना हो तो दृढ़ रहना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘यदि आपको सैनिकों को सीमा तक ले जाना है, तो वे जो करने की कोशिश कर रहे हैं, उससे निपटने के लिए हमें वह करना चाहिए। उन मुद्दों पर जहां वे हमारे हितों का समर्थन या कमजोर नहीं करते हैं, इसके बारे में स्पष्ट होने के लिए जहां आवश्यक हो, इसके बारे में सार्वजनिक होना होगा। मैं इसके बारे में हर समय सार्वजनिक रूप से नहीं कहता, लेकिन जहां कूटनीति की आवश्यकता होती है, वहां सार्वजनिक होना अक्सर उपयोगी होता है।’’
ईरान के परमाणु मामलों में भी जयशंकर ने की है चर्चा
आपको बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को ईरान के राजनीतिक मामलों के उप विदेश मंत्री अली बाघेरी कानी से मुलाकात की और ईरान के परमाणु मामलों से संबद्ध समग्र संयुक्त कार्य योजना (जेसीपीओए) सहित द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की है। बैठक के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘ईरान के राजनीतिक मामलों के उप विदेश मंत्री अली बाघेरी कानी की अगवानी की।’’
उन्होंने कहा कि हमने द्विपक्षीय सहयोग, क्षेत्रीय मुद्दों और समग्र संयुक्त कार्य योजना (जेसीपीओए) के बारे में चर्चा की। ज्ञात हो कि यूक्रेन संघर्ष के कारण उत्पन्न तेल एवं खाद्य संकट सहित वैश्विक परिदृय के बीच ईरान के राजनीतिक मामलों के उप विदेश मंत्री की यह यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही है।