विदेशी वैक्सीन को भारत लाने की तैयारी में जुटी सरकार, DCGI ने ट्रायल्स और हर बैच के परीक्षण से दी छूट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 2, 2021 15:39 IST2021-06-02T14:34:28+5:302021-06-02T15:39:58+5:30
देश में कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही है। जिसके चलते फाइजर और मॉडर्ना जैसी वैक्सीन को भारत लाने के प्रयास भी तेज कर दिए गए हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर
देश में कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही है। जिसके चलते फाइजर और मॉडर्ना जैसी वैक्सीन को भारत लाने के प्रयास भी तेज कर दिए गए हैं। इसके लिए भारत की ड्रग नियामक संस्था ने वैक्सीन के देश में अलग से ट्रायल की शर्त को हटा दिया है और अब जिन वैक्सीन को दूसरे देशों या विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी होगी, उन्हें भारत में अनुमति मिलने से पूर्व ब्रिजिंग क्लिनिकल ट्रायल्स और वैक्सीन के हर बैच के परीक्षण से नहीं गुजरना होगा।
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) के डॉ वीजी सोमानी ने बुधवार को घोषणा की कि कोरोना वायरस वैक्सीन को विशिष्ट देशों और डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुमति मिल चुकी है तो ब्रिजिंग परीक्षण और बैच परीक्षण की आवश्यकता नहीं होगी। उनका कहना है कि अगर विदेशी वैक्सीन कंपनियों ने भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए आवेदन किया तो हमें मंजूरी देने में कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन को लेकर कहा कि हालांकि अभी दोनों वैक्सीन के भारत में आने में वक्त लगेगा।
फाइजर और मॉडर्ना ने की थी मांग
फाइजर और मॉडर्ना ने सरकार से क्षतिपूर्ति और स्थानीय ट्रायल में छूट की मांग की थी। सरकार ने ट्रायल न कराने की उनकी मांग पर सहमति जताई है, लेकिन गंभीर दुष्प्रभाव के लिए क्षतिपूर्ति या दायित्व पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
गुणवत्ता और स्थिरता जांचने की जरूरत नहीं
डॉ वीजी सोमानी ने एक पत्र में बताया है कि यदि किसी कंपनी को अन्य देश और किसी संस्था से मंजूरी मिली है तो भारत में उसकी गुणवत्ता और स्थिरता पर टेस्ट करने की आवश्यकता नहीं होगी।
इन वैक्सीन का नहीं होगा ट्रायल
नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 की सिफारिश के बाद यह कदम उठाया गया है। सोमानी ने कहा कि अमेरिका के एफडीए, ब्रिटेन के एमएचआरए और जापान के पीएमडीए से अनुमति लेने वाले अथवा विश्व स्वास्थ्य संगठन की आपातकालीन इस्तेमाल में प्रयोग की सूची में शामिल वैक्सीन या फिर लाखों लोगों पर पहले से इस्तेमाल की जा रही वैक्सीन का ट्रायल नहीं होगा।