रिपोर्ट से सामने आया पाकिस्तान का सच, अपहृत अल्पसंख्यक लड़कियों का जबरन धर्मांतरण और शादी आम बात, महिलाओं और लड़कियों की स्थिति बेहद बुरी
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: May 16, 2023 12:02 PM2023-05-16T12:02:17+5:302023-05-16T12:04:36+5:30
दुनिया भर में नागरिक और धार्मिक स्वतंत्रता पर नजर रखने वाली संस्था ह्यूमन राइट्स विदाउट फ्रंटियर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान में पहृत हिंदू लड़कियों के इस्लाम में जबरन धर्मांतरण और बाद में मुस्लिम पुरुषों से उनकी जबरन शादी कराना आम बात है।
नई दिल्ली: दुनिया भर में नागरिक और धार्मिक स्वतंत्रता पर नजर रखने वाली संस्था ह्यूमन राइट्स विदाउट फ्रंटियर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान में महिलाओं और लड़कियों की स्थिति बेहद बुरी है, चाहे वो हिंदू, ईसाई या मुस्लिम किसी भी धर्म की हों।
8 मई को, एचआरडब्ल्यूएफ ने पाकिस्तान में महिलाओं और लड़कियों की गंभीर स्थिति पर चर्चा करने के लिए ब्रसेल्स के प्रेस क्लब में "ईयू-पाकिस्तान: मानवाधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता और जीएसपी+" शीर्षक से एक सम्मेलन आयोजित किया। बेल्जियम, पाकिस्तान, इटली और अमेरिका में एनजीओ के प्रतिनिधियों ने इस सम्मेलन में भाग लिया और गंभीर मुद्दों पर राय रखी।
ह्यूमन राइट्स विदाउट फ्रंटियर्स ने बताया कि पाकिस्तान में, हिंदू और ईसाई जैसे अल्पसंख्यक धर्मों की लड़कियों और महिलाओं के साथ समस्या बढ़ती जा रही है। पाकिस्तान में 22 करोड़ लोगों की आबादी में हिंदू लगभग 2 प्रतिशत हैं, जबकि ईसाई 1 प्रतिशत से भी कम हैं। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक लड़कियों का अपहरण करके उनकी जबरन शादी कराने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जबरन शादी का शिकार बनीं अल्पसंख्यक लड़कियों का स्थिति एचआरडब्ल्यूएफ के अनुसार सबसे बुरी है।
इतना ही नहीं पाकिस्तान में ऑनर किलिंग के मामले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पाकिस्तान के कॉमन फ्रीडम कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार 2014 से 2016 तक 1,276 ऐसी हत्याएं हुईं। भले ही पाकिस्तानी संसद ने एक कानून पारित किया है जो ऑनर किलिंग पर रोक लगाने की बात करता हो लेकिन इसके बावजूद ऐसी घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।
एचआरडब्ल्यूएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तानी महिलाओं को सांस्कृतिक रूप से दूसरे दर्जे का नागरिक माना जाता है। शिक्षा के मामले में पुरुषों की साक्षरता दर की तुलना में महिलाओं की स्थिति बेहद खराब है। व्यापक निरक्षरता और लिंग आधारित पूर्वाग्रह के कारण पाकिस्तानी समाज बड़े पैमाने पर लैंगिक असंतुलन का सामना भी कर रहा है। पाकिस्तान में हर साल सैकड़ों जबरन धर्मांतरण की घटनाओं की खबरें आती हैं। ज्यादातर पीड़ित गरीब परिवारों और वंचित परिवारों से हैं।
सिंध के दक्षिणी प्रांत में लगभग 90 प्रतिशत हिंदू अल्पसंख्यक रहते हैं। यहां अपहृत हिंदू लड़कियों के इस्लाम में जबरन धर्मांतरण और बाद में मुस्लिम पुरुषों से उनकी जबरन शादी कराना आम बात है।