लालू यादव को दोषी करार दिए जाने पर सुशील मोदी ने जताई खुशी, कहा- बिहार को लूटनेवालों को सजा मिल रही है
By अनिल शर्मा | Published: February 15, 2022 03:58 PM2022-02-15T15:58:42+5:302022-02-15T16:15:11+5:30
लालू प्रसाद यादव के चारा घोटाला के 5वें मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि इस मामले को हमने उजागर किया था। मुझे खुशी है कि जिन्होंने बिहार को लूटा उन्हें सजा मिल रही है। जो कुछ भी हुआ स्वागतयोग्य है। जैसी करनी, वैसी भरनी।
पटनाः केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को 139.5 करोड़ रुपये के डोरंडा कोषागार गबन मामले में दोषी ठहराया। सीबीआई के एक वकील ने कहा कि सजा 18 फरवरी को सुनाई जाएगी। अदालत ने 29 जनवरी को मामले में दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
लालू के दोषसिद्ध होने के बाद बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि उन्हें खुशी है कि जिन्होंने बिहार को लूटा उनको सजा हो रही है। बकौल सुशील मोदी, इस मामले को हमने उजागर किया था। मुझे खुशी है कि जिन्होंने बिहार को लूटा उन्हें सजा मिल रही है। जो कुछ भी हुआ स्वागतयोग्य है। जैसी करनी, वैसी भरनी।
बीजेपी नेता सुशील मोदी ने आगे कहा कि यह कोई पहला मामला नहीं है। 30 सालों से यह केस चल रहा है। लालू यादव का असर कम होने की बात कहते हुए सुशील मोदी ने कहा कि वे सिर्फ अब हंसी-मजाक करके मीडिया में बने रह सकते हैं।
गौरतलब है कि लालू प्रसाद को इससे पहले चारा घोटाला के चार अन्य मामलों में 14 साल जेल की सजा सुनाई जा चुकी है। सीबीआई के वकील ने कहा, ‘‘लालू प्रसाद को दोषी ठहराया गया है। सजा 18 फरवरी को सुनाई जाएगी।’’ विशेष सीबीआई के न्यायाधीश एस के शशि की अदालत ने प्रसाद सहित 99 आरोपियों के खिलाफ सुनवाई पूरी की थी, जो पिछले साल फरवरी से चल रही थी। अंतिम आरोपी डॉ शैलेंद्र कुमार की ओर से बहस 29 जनवरी को पूरी हुई। सभी आरोपियों को फैसले के दिन अदालत में प्रत्यक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया गया था।
मामले के मूल 170 आरोपियों में से 55 की मौत हो चुकी है, सात सरकारी गवाह बन चुके हैं, दो ने अपने ऊपर लगे आरोप स्वीकार कर लिए हैं और छह फरार हैं। प्रसाद के अलावा पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, तत्कालीन लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष ध्रुव भगत, पशुपालन सचिव बेक जूलियस और पशुपालन सहायक निदेशक डॉ के एम प्रसाद मुख्य आरोपी हैं। 950 करोड़ रुपये का यह घोटाला अविभाजित बिहार के विभिन्न जिलों में धोखाधड़ी कर सरकारी खजाने से सार्वजनिक धन की निकासी से संबंधित है।
राजद सुप्रीमो को चारा घोटाला मामले में 14 साल जेल की सजा सुनाई गई है और कुल 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। उन्हें दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार से जुड़े चार मामलों में जमानत मिल गई है। चारा घोटाला मामला जनवरी 1996 में पशुपालन विभाग में छापेमारी के बाद सामने आया। सीबीआई ने जून 1997 में प्रसाद को एक आरोपी के रूप में नामित किया।
एजेंसी ने लालू और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के खिलाफ आरोप तय किए। सितंबर 2013 में निचली अदालत ने चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में प्रसाद, मिश्रा और 45 अन्य को दोषी ठहराया और प्रसाद को रांची जेल भेज दिया गया। दिसंबर 2013 में उच्चतम न्यायालय ने मामले में प्रसाद को जमानत दे दी, जबकि दिसंबर 2017 में सीबीआई अदालत ने उन्हें और 15 अन्य को दोषी पाया और उन्हें बिरसा मुंडा जेल भेज दिया। झारखंड उच्च न्यायालय ने प्रसाद को अप्रैल 2021 में जमानत दे दी थी।