चारा घोटाला मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव समेत 15 दोषियों को आज रांची की विशेष अदालत में सजा नहीं सुनाई गई। मामले पर अदालत ने फैसला फिलहाल टाल दिया है। सजा के बाबत कल (बृहस्पतिवार, 4 जनवरी) को दोबारा सुनवाई होगी। सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू को दोषी करार दिए जाने के बाद कोर्ट के खिलाफ बयानबाजी करने को लेकर अदालत की अवमानना मामले में तीन अन्य लोगों को समन जारी किया है।
देवघर कोषागार से अवैध तरीके से पैसे निकालने के मामले में 23 दिसंबर 15 लोगों को दोषी करार दिया गया था और सजा को लेकर अगली सुनवाई के लिए तीन जनवरी की तारीख तक पक्की गई थी। तीन जनवरी की सुबह सुनवाई के बाद सजा तय नहीं हो पाई। सुनवाई एक दिन के लिए आगे बढ़ा दी गई। ऐसे में लालू समेत सभी 15 आरोपियों को फिर से जेल भेज दिया गया। वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
क्या था चारा घोटाला
साल 1997 में देवघर कोषागार से अवैध निकासी का मामला दर्ज हुआ था। तब यह कुछ लाख रुपयों की अवैध निकासी का मामला बताया गया था। बाद में यह राशि 89 लाख, 27 हजार रुपये बताई गई। लेकिन जब मामले की जांच शुरू हुई तो करीब 950 करोड़ रुपये का बड़ा घोटाला सामने आया। इसके चलते लालू प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी। लालू के अलावा मामले में पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र भी बड़े नाम शामिल थे।
मामले में कुछ 37 आरोपी थे। करीब 20 साल तक चली जांच में 11 लोग की मौत हो गई, 3 ने गुनाह कबूल कर सरकारी गवाह बनने का फैसला किया, 2 लोगों को पहले ही सजा हो गई थी। बीते 23 दिसंबर को 21 लोगों पर सुनवाई में लालू समेत 15 लोगों को दोषी करार दिया गया। जबकि जगन्नाथ मिश्र समेत छह लोगों को बरी कर दिया गया।