रौंती गढ़ की घाटी से बड़ी चट्टान टूटने से उत्तराखंड में फरवरी में बाढ़ आयी: जीएसआई

By भाषा | Updated: June 29, 2021 00:10 IST2021-06-29T00:10:06+5:302021-06-29T00:10:06+5:30

Floods occurred in February in Uttarakhand due to the breaking of a large rock from the valley of Rauntigarh: GSI | रौंती गढ़ की घाटी से बड़ी चट्टान टूटने से उत्तराखंड में फरवरी में बाढ़ आयी: जीएसआई

रौंती गढ़ की घाटी से बड़ी चट्टान टूटने से उत्तराखंड में फरवरी में बाढ़ आयी: जीएसआई

नयी दिल्ली, 28 जून रौंती गढ़ की बायीं ओर की घाटी से एक बड़ी चट्टान और हिमखंड टूटकर ऋषिगंगा घाटी में गिरने और हिमखंड के पिघलने के कारण फरवरी में ऋषिगंगा नदी में भीषण बाढ़ आयी, जिससे उत्तराखंड के चमोली जिले में एक जल विद्युत संयंत्र बह गया था। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।

जिओ-हैजार्ड रिसर्च एंड मैनेजमेंट (जीएचआरएम) सेंटर, जीएसआई केंद्रीय मुख्यालय के निदेशक शैबाल घोष के मुताबिक रौंती गढ़ की बायीं ओर की घाटी से हिमस्खलन के साथ 400 मीटर गुणा 700 मीटर गुणा 150 मीटर आकार की विशाल चट्टान के खिसकने से इस घटना की शुरुआत हुई।

उन्होंने बताया कि खंडित चट्टान या हिमखंड करीब 1800 मीटर की ऊंचाई से सीधे गिरने के बाद 2900 मीटर की दूरी तय कर रौती गढ़ घाटी में सतह पर आया।

बयान में घोष के हवाले से कहा गया है, ‘‘इतनी तीव्रता से गिरने के कारण जो ऊर्जा पैदा हुई उसके प्रभाव से हिमखंड चकनाचूर हो गया और वह पानी में जाकर पिघल गया जिससे पिघले हिमखंड से बनी पानी की विशाल मात्रा के कारण रौंती गढ़ की नदियों में अचानक जलस्तर बढ़ गया जो आगे ऋषिगंगा घाटी में जाकर जमा होने लगी। इसी के कारण ऋषिगंगा नदी में अचानक से बाढ़ आने से आपदा आयी और ऋषिगंगा नदी पर एक कृत्रिम झील का निर्माण हुआ।

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Web Title: Floods occurred in February in Uttarakhand due to the breaking of a large rock from the valley of Rauntigarh: GSI

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