तेलंगाना: चुनावी कैम्पेन में हावी रहेंगे विकास के ये बड़े मुद्दे, क्या केसीआर दे पाएंगे जवाब?
By आदित्य द्विवेदी | Published: September 7, 2018 08:17 AM2018-09-07T08:17:51+5:302018-09-07T08:17:51+5:30
यह दांव कितना कारगर साबित होता है यह तो समय बताएगा लेकिन फिलहाल के चंद्रशेखर राव के सामने ये चुनौतियां यक्ष प्रश्न की तरह सामने खड़ी हैं।
हैदराबाद, 7 सितंबरःतेलंगाना विधानसभा भंग करके के चंद्रशेखर राव ने सभी को हैरत में डाल दिया है। गुरुवार को उन्होंने विधानसभा भंग करने के साथ ही अपने 105 उम्मीदवारों की लिस्ट भी जारी कर दी। यह साफ तौर पर इशारा है कि वो जल्द से जल्द चुनाव कराना चाहते हैं। तेलंगाना विधानसभा का कार्यकाल मई 2019 तक था।
साल के अंत में चार राज्यों के साथ यहां भी चुनाव कराए जा सकते हैं। चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ होने का फायदा कांग्रेस को मिल सकता था इससे बचने के लिए केसीआर ने पहले चुनाव कराने का फैसला किया। उनका यह दांव कितना कारगर साबित होता है यह तो समय बताएगा लेकिन फिलहाल उनके सामने ये चुनौतियां यक्ष प्रश्न की तरह सामने खड़ी हैं।
- तेलंगाना की शहरी जनसंख्या 2001 से 2011 के बीच 38.12 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। वहीं ग्रामीण जनसंख्या में महज 2.13 प्रतिशत की दर से बढ़ोत्तरी हुई। लेकिन जब शहरीकरण की बात आती है तो एक तिहाई जनसंख्या राजधानी हैदराबाद पर निर्भर है। यह वजह है कि यहां झुग्गियां बढ़ रही हैं। अन्य शहर विकसित करने की योजना अभी भी रफ्तार नहीं पकड़ सकी है।
- तेलंगाना की जनसंख्या का एक बड़ा प्रतिशत हाशिए पर पड़े वर्गों का है। इसलिए सरकार का फोकस ऐसे वर्गों के आर्थिक उत्थान के लिए होना चाहिए। एससी और एसएसटी समुदाय अभी भी मूलभूत जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहा है। ऐसे में तेलंगाना सरकार के पास पेश करने के लिए कौन सी योनजाएं हैं?
- तेलंगाना सोशल डेवलपमेंट रिपोर्ट 2017 के मुताबिक समाज में एक ऐसा भी तबका है जिसके पहुंच पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम तक नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में राशन कार्ड का फायदा अमीर परिवार उठा रहे हैं जबकि बेहद गरीब लोग इससे वंचित हैं। इस दिशा में केसीआर सरकार ने क्या कदम उठाए?
- राजधानी हैदराबाद टेक कंपनियों का ग्लोबल डेस्टिनेशन है। सीएसडी की एक रिपोर्ट के अनुसार करीब 96 प्रतिशत युवा अभी भी टेक्निकल एजुकेशन से महरूम हैं। महज 62 प्रतिशत लोग ही सेकेंड्री लेवल के आगे पढ़ाई कर सके। यहां युद्ध स्तर पर कौशल विकास की आवश्यकता है। इसके लिए केसीआर सरकार ने क्या किया?
- 2011 की जनगणना के मुताबिक तेलंगाना में लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन दर 66.8 प्रतिशत है जो कि राष्ट्रीय दर (52.9) से कहीं ज्यादा है। राज्य के ग्रॉस वैल्यू एडिशन में इंडस्ट्रियल सेक्टर का योगदान 26.7 प्रतिशत है जबकि यह सिर्फ 17.8 प्रतिशत वर्क फोर्स ही इस्तेमाल करता है। यह साफ तौर पर इशारा करता है कि शेष वर्क फोर्स को काम की आवश्यकता है जो कि इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के जरिए ही संभव है। कामगारों की अधिकता की वजह से यहां मजदूरी बहुत कम है। सरकार ने इस दिशा में क्या कदम उठाए हैं।