अगस्त के पिछले 11 दिनों में अटल के साथ भारत ने खो दिए ये पांच बड़े दिग्गज

By पल्लवी कुमारी | Published: August 18, 2018 07:25 AM2018-08-18T07:25:28+5:302018-08-18T07:25:28+5:30

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त शाम 5:05 दिल्ली के एम्स अस्पताल में हुआ।

Five eminent personalities India lost this month august 2018 | अगस्त के पिछले 11 दिनों में अटल के साथ भारत ने खो दिए ये पांच बड़े दिग्गज

अगस्त के पिछले 11 दिनों में अटल के साथ भारत ने खो दिए ये पांच बड़े दिग्गज

नई दिल्ली, 17 अगस्त:  अगस्त 2018 का महीना अभी खत्म भी नहीं हुआ है और एक बाद एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। अगस्त के सिर्फ 11 दिनों में देश के पांच महान शख्सियत का निधन हो गया है। 6 अगस्त से 16 अगस्त के बीच देश के पांच जाने-माने लोग दुनिया को अलविदा कह गए। अटल बिहारी वायजेपी, एम करुणानिधि, सोमनाथ चटर्जी, भारतीय क्रिकेटर अजीत वाडेकर और पूर्व राज्यसभा सांसद आरके धवन अब हमारे बीच नहीं रहे। आइए जानते हैं, इन शख्सियत के बारे में... 

1- अटल बिहारी वाजपेयी ( निधन- 16 अगस्त)  

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 16 अगस्त शाम 5:05 दिल्ली के एम्स अस्पताल में हुआ। इनका जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में जेल गये। युवावस्था में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े गये। आजादी के बाद 1957 में लोक सभा चुनाव जीतकर संसद पहुँचे। 1977 में जनता पार्टी सरकार में देश के विदेश मंत्री रहे। 1996 में पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने हालाँकि 13 दिनों बाद ही उनकी सरकार गिर गयी। 1998 में दोबारा पीएम बने लेकिन 13 महीनों बाद ही उन्हें पद छोड़ना पड़ा।

अटल बिहारी वाजपेयी 1999 में तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने और अपना कार्यकाल पूरा करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी पीएम बने। साल 2004 के लोक सभा चुनाव में बीजेपी उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ी लेकिन उसे हार मिली। साल 2005 में खराब स्वास्थ्य के कारण अटल बिहारी वाजपेयी ने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली। अपने छह दशक लम्बे राजनीतिक जीवन में अटल बिहारी वाजपेयी 10 बार लोक सभा सांसद और दो बार राज्य सभा सांसद रहे। साल 2015 में भारत सरकार ने उन्हें देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया। 

2- अजीत वाडेकर ( निधन- 15 अगस्त)  

अजीत वाडेकर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान का निधन  15 अगस्त 2018 को हुआ। इनका जन्म 1 अप्रैल 1941 मुंबई में हुआ था। 15 अगस्त 2018 को मुंबई को जसलोक अस्पताल में अजीत वाडेकर का 77 साल की उम्र में निधन हो गया था।

उन्होंने 8 साल के क्रिकेट करियर में खेले 37 टेस्ट मैचों में एक शतक और 14 अर्धशतक की मदद से कुल 2113 रन बनाए थे। क्रिकेट में बेहतरीन योगदान के लिए सरकार ने उन्हें 1967 में अर्जुन अवॉर्ड और 1972 में पद्मश्री से सम्मानित किया था।

3- सोमनाथ चटर्जी ( निधन- 13 अगस्त )  

साल 2004 से 2009 तक लोक सभा के स्पीकर रहे सोमनाथ चटर्जी का निधन 13 अगस्त 2018 को कोलकाता के एक निजी अस्पताल में हुआ। इनका जन्म 25 जुलाई 1929 को असम के तेजपुर में हुआ था। चटर्जी के पिता निर्मल चंद्र चटर्जी मशहूर वकील और कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश रहे थे। निर्मल चंद्र चटर्जी अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के संस्थापक सदस्य थे। वो हिन्दू महासभा के अध्यक्ष भी रहे। सोमनाथ चटर्जी की प्रारम्भिक शिक्षा-दीक्षा स्थानीय स्कूलों में हुई। उन्होंने प्रेसिडेंसी कॉलेज से स्नातक करने के बाद ब्रिटेन की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा हासिल की। 

राजनीति में चटर्जी ने दक्षिणपंथी पिता से अलग वामपंथ की राह पकड़ी और कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ गये। उन्होंने 1971 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर सीपीएम के समर्थन से पहली बार लोक सभा चुनाव लड़ा और विजयी रहे। चटर्जी ने अपने पाँच दशक लम्बे राजनीतिक करियर में 10 बार लोक सभा चुनाव जीता। 1989 से 2004 तक वो लोक सभा में  सीपीएम संसदीय दल के नेता रहे।  साल 2008 में उनके राजनीतिक जीवन का सबसे दुखद क्षण तब आया जब सीपीएम ने उन्हें निष्कासित कर दिया। पार्टी से निकाले जाने के बाद चटर्जी सक्रिय राजनीति से दूर हो गये। 

4- एम करुणानिधि ( निधन- 7 अगस्त)  

तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री रहे करुणानिधि का निधन चेन्नई के कावेरी अस्पताल में 7 अगस्त 2018 को हुआ। करुणानिधि  50 सालों तक राज्य की प्रमुख पार्टी डीएमके के सर्वेसर्वा रहे। करुणानिधि का जन्म 3 जून 1924 को एक साधारण परिवार में हुआ था। करुणानिधि 1957 में पहली बार चुनाव जीत कर तमिलनाडु विधान सभा में पहुंचे। 1969 में वह पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। 

करुणानिधि करीब पांच दशकों से लंबे राजनीतिक करियर में पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने। करुणानिधि छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़ गए थे और द्रविड़ सम्मान आंदोलन में और हिंदी विरोधी आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। राजनीतिक को पूर्णकालिक करियर बनाने से पहले करुणानिधि तमिल सिनेमा के प्रमुख हस्ती बन चुके थे। उनके लिखे नाटकों, लेखों और फिल्मों ने उन्हें तमिल भाषी समाज में बेहद लोकप्रिय बना दिया था। उनके समर्थक उन्हें कलाइग्नर( कला का विद्वान) कहते थे।

5- आरके धवन ( निधन- 6 अगस्त)  

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निजी सचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद का निधन 6 अगस्त 2018 को हुआ। वे 81 साल के थे। बढ़ती उम्र की वजह से गंभीर बीमारियों से वह जूझ रहे थे। उनका निधन दिल्ली के बीएल कपूर अस्पताल में हुआ।

कांग्रेस में उनकी गिनती वरिष्ठ नेताओं में होती थी। धनव 1990 में राज्यसभा सांसद चुने गए। कई संसदीय समितियों में शामिल रहे। आरके धवन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पर्सनल सेक्रेटरी और बेहद करीबी थे। 

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