कच्चे तेल का रुपये में पहला भुगतान यूएई को किया गया, अन्य देशों के साथ भी भुगतान सौदों की कोशिशें जारी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 25, 2023 05:12 PM2023-12-25T17:12:03+5:302023-12-25T17:14:06+5:30

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (एडीएनओसी) से 10 लाख बैरल कच्चे तेल की खरीद का भुगतान भारतीय रुपये में किया है।

first payment for crude oil in rupees was made to UAE efforts continue for payment deals with other countries | कच्चे तेल का रुपये में पहला भुगतान यूएई को किया गया, अन्य देशों के साथ भी भुगतान सौदों की कोशिशें जारी

(फाइल फोटो)

Highlightsसंयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से खरीदे गए कच्चे तेल के लिए भारत ने रुपये में पहला भुगतान कियाअन्य तेल आपूर्तिकर्ता देशों के साथ भी इसी तरह के रुपया भुगतान सौदों की कोशिश मेंसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लागू करना एक प्रक्रिया है और इसके लिए कोई लक्ष्य नहीं रखा गया है

नई दिल्ली: संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से खरीदे गए कच्चे तेल के लिए भारत ने रुपये में पहला भुगतान कर अपनी मुद्रा को वैश्विक स्तर पर ले जाने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। अधिकारियों ने कहा है कि भारत अन्य तेल आपूर्तिकर्ता देशों के साथ भी इसी तरह के रुपया भुगतान सौदों की कोशिश में लगा हुआ है। हालांकि इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लागू करना एक प्रक्रिया है और इसके लिए कोई लक्ष्य नहीं रखा गया है। 

अपनी 85 प्रतिशत से अधिक तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत आयात पर निर्भर है। इसके लिए उसे बड़े पैमाने पर डॉलर में भुगतान करना होता है। लेकिन पिछले साल से भारत ने तेल की खरीद का भुगतान डॉलर के बजाय रुपये में करने की व्यवस्था शुरू की है और इस दिशा में रिजर्व बैंक ने भी जरूरी कदम उठाए हैं। इस दिशा में भारत ने जुलाई में यूएई के साथ रुपये में भुगतान के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। 

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (एडीएनओसी) से 10 लाख बैरल कच्चे तेल की खरीद का भुगतान भारतीय रुपये में किया है। इसके अलावा रूस से आयात किए गए कच्चे तेल के कुछ हिस्से का भी भुगतान रुपये में किया गया है। एक अधिकारी ने कहा, "हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि तेल खरीद का भुगतान रुपये में करने से लागत न बढ़े और इसका व्यापार पर किसी भी तरह से नुकसान न पड़े।" उन्होंने कहा, "जहां रकम अधिक नहीं है वहां रुपये में सौदा निपटान में ज्यादा समस्या नहीं होती है। लेकिन जब कच्चे तेल का हरेक जहाज लाखों डॉलर की कीमत का हो तो समस्याएं होती हैं। भारत व्यापक राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए स्थिति से निपट रहा है।" 

अधिकारी ने कहा कि रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण से डॉलर की मांग कम करने में मदद मिलेगी और भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक मौद्रिक झटकों का कम असर होगा। पिछले सप्ताह संसद में पेश संसदीय समिति की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रुपये में कच्चे तेल का भुगतान लेने की दिशा में प्रगति अच्छी नहीं है। इस पर अधिकारियों ने यह माना कि वित्त वर्ष 2022-23 में हालात ऐसे ही रहे हैं लेकिन इस साल तेल का कुछ कारोबार रुपये में हुआ है। 

Web Title: first payment for crude oil in rupees was made to UAE efforts continue for payment deals with other countries

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