सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "आवारा कुत्तों को खाना खिलाने पर नहीं लगा सकते हैं रोक", बॉम्बे हाईकोर्ट ने आवारा कुत्तों को खाना देने पर लगाई थी रोक

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 16, 2022 09:20 PM2022-11-16T21:20:09+5:302022-11-16T21:24:01+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें कोर्ट ने नागपुर शहर में सड़क के आवारा कुत्तों को सार्वजनिक तौर पर खाना खिलाने पर रोक लगा दी थी।

Feeding of stray dogs cannot be banned, says Supreme Court Bombay High Court had banned feeding of stray dogs | सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "आवारा कुत्तों को खाना खिलाने पर नहीं लगा सकते हैं रोक", बॉम्बे हाईकोर्ट ने आवारा कुत्तों को खाना देने पर लगाई थी रोक

फाइल फोटो

Highlightsबॉम्बे हाईकोर्ट ने आवारा कुत्तों को खाना देने पर लगाई रोक, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को रोकासुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को अव्यवहारिक बताते हुए पूछा क्या ऐसा करना उचित हैआप नागरिकों को इस बात के लिए नहीं रोक सकते हैं कि सड़क के आवारा कुत्तों को खाना न दें

दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले पर फौरन रोक लगा दी है, जिसमें कोर्ट ने आवारा कुत्तों सार्वजनिक तौर पर खाना देने पर रोक लगा दी गई थी। हाईकोर्ट ने यह रोक नागपुर शहर में कुत्तों को सार्वजनिक तौर पर खाना खिलाने के संबंध में लगाई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नागपुर में सार्वजनिक जगहों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर प्रशासन द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की टिप्पणी को भी गैर-जरूरी बताते हुए रोक लगा दी है, जिसमें हाईकोर्ट की ओर से एक्शन का आदेश देते हुए कहा गया था कि जिन्हें भी सड़क के आवारा कुत्तों को खाना खिलाना हो, वो उन कुत्तों को गोद लें, वैक्सीन लगवाएं और अपने घर ले जाएं।

मामले पर हाईकोर्ट द्वारा लगाये लगे प्रतिबंध के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने नागपुर नगम निगम को यह भी आदेश दिा कि वो सुनिश्चित करें कि आम जनता उनके द्वारा निर्धारित स्थानों पर बिना किसी रोकटोक के आवारा कुत्तों को खिला सके।लेकिन तक नागपुर नगर निगम द्वारा उन स्थानों को चिन्हित नहीं कर लिया जाता है, तब तक आवारा कुत्तों के कारण होने वाली सार्वजनिक समस्या के लिए नगर निगम के अधिकारियों पूरी तरह से कानून संगत एक्शन ले सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान आवारा कुत्तों को खाना खिलाने  खिलाने वाले व्यक्तियों के बारे में आदेश देते हुए कहा कि उनसे भी यह अपेक्षा की जाती है कि वे ऐसा करते समय किसी भी तरह की सार्वजनिक समस्या नहीं पैदा करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने साथ में यह भी साफ किया कि इस मुद्दे पर हाईकोर्ट आगे सुनवाई करता रहेगा।

कुत्तों को सार्वजनिक तौर पर खाना न खिलाने के हाईकोर्ट के आदेश पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने कहा, “क्या बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश कि जो लोग आवारा कुत्तों को खाना खिलाना चाहते हैं, उन्हें उन कुत्तों को गोद ले लेना चाहिए और घर ले जाना चाहिए। व्यवहारिक है?"

दोनों जजों ने कहा, "आप इस बात पर जोर नहीं दे सकते कि जो लोग आवारा कुत्तों को खाना खिलाते हैं, वो उन्हें गोद लें। हरेक जगह की अपनी समस्या होती है। आवारा कुत्तों की समस्या हरेक जगह है। हम ये आदेश जारी नहीं कर सकते कि कोई नागरिक स्वतंत्ररूप से आवारा कुत्तों को खाना न दें।”

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट की बेंच के दोनों जजों ने कहा कि कई लोगों को आवारा कुत्तों ने काटा है। हमें भी उनसे डर लगता है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हम उन्हें खाने पाने से रोक सकते हैं। अगर कोई अपनी इच्छा से उन्हें खाना देता है तो हम भला कैसे उन्हें मना कर सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें हाईकोर्ट ने आदेश पारित किया था कि नागपुर और आसपास के क्षेत्रों का कोई भी नागरिक सार्वजनिक स्थानों पर आवारा कुत्तों को खाना नहीं खिलाएगा।

Web Title: Feeding of stray dogs cannot be banned, says Supreme Court Bombay High Court had banned feeding of stray dogs

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