बिहार में गहराने लगी है सूखे की आशंका, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया कई जिलों का एरियल सर्वे

By एस पी सिन्हा | Published: August 19, 2022 03:12 PM2022-08-19T15:12:22+5:302022-08-19T15:17:04+5:30

बिहार में इस साल बेहद कम बारिश से सूखे का खतरा बढ़ गया है। राज्य में अगस्त महीने में ही अनुमान से 64 फीसदी कम बारिश हुई है। कई जिलों में इसका असर दिखने लगा है।

Fear of famine deepening in Bihar, Chief Minister Nitish Kumar did aerial survey of many districts | बिहार में गहराने लगी है सूखे की आशंका, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया कई जिलों का एरियल सर्वे

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया कई जिलों का एरियल सर्वे (फाइल फोटो)

Highlightsनीतीश कुमार ने सूखे से प्रभावित पटना, भोजपुर, बक्सर, औरंगाबाद समेत कई जिलों का एरियल सर्वे कियाजून से अब तक राज्य में औसतन 602 मिमी बारिश होनी चाहिये थी, लेकिन केवल 378 मिमी बारिश हुई है।प्रदेश के कई जिला ऐसे भी हैं, जहां पर 40 फिसदी ही बारिश अब तक हुई है।

पटना: बिहार में पर्याप्त बारिश नहीं से अकाल के आसार गहराने लगे हैं। ऐसे में स्थिति की गंभीरता का आकलन करने के लिए शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रभावित जिलों पटना, भोजपुर, बक्सर, औरंगाबाद समेत कई जिलों का एरियल सर्वे किया। इस दौरान उनके साथ संबंधित विभागों के कुछ मंत्री और अधिकारियों का दल भी मौजूद थे। सर्वे के बाद वे अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति पर चर्चा कर आगे के हालातों पर रणनीति बनाई जायेगी।  

दरअसल, भादो का महीना चलने के बावजूद इस साल बारिश की संभावना नहीं दिख रही है। मौसम विभाग के अनुसार बिहार में अगस्त महीने में अनुमान से 64 फीसदी कम बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार जून से अब तक राज्य में औसतन 602 मिमी बारिश होनी चाहिये थी। लेकिन, सिर्फ 378 मिमी बारिश ही अभी तक हुई है। इसके चलते बिहार में सूखे के आसार बन रहे हैं। 

कम बारिश होने के कारण धान के खेतों में धरारे पड़ने के साथ धान की फसल सूखकर पीली होती जा रही है। बिहार सरकार द्वारा किसानों को सिंचाई के लिए डीजल सब्सिडी दी जा रही है। लेकिन 80 प्रतिशत सरकारी नलकूपों के अनुपयोगी होने और नहरों में पानी नहीं होने से पांच फीसदी किसान ही इसका लाभ ले पायेंगे। किसानों का कहना है कि यदि बेहतर बारिश नहीं हुई तो रबी की फसल भी बेहतर होने की संभावना नहीं दिखती है। 

बताया जा रहा है बिहार इस समय सबसे खराब स्थिति से गुजर रहा है। राज्य में दक्षिण-पश्चिम मानसून की स्थिति बेहद खराब है। प्रदेश के कई जिले ऐसे भी है, जहां पर 40 फिसदी ही बारिश अब तक हुई है। इन जिलों में लखीसराय और भागलपुर भी शामिल हैं। प्रदेश में कम बारिश के कारण कई जिलों में धान की रोपनी भी प्रभावित हुई है। सूबे के धान का कटोरा कहे जाने वाले रोहतास, कैमूर जैसे जिलों में भी स्थिति बेहद खराब है। यहां नहरों के सहारे खेतों में पटवन हो रहा है लेकिन इसमें भी तेजी से पानी कम होने के कारण हालात बद से बदतर होने का खतरा मंडरा रहा है। 

वहीं उत्तर बिहार के जिलो में में स्थिति सामान्य नहीं है। ज्यादातर जिलों में धान और खरीफ फसलों पर कम बारिश के कारण प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। कृषि विभाग द्वारा जारी सूचना के अनुसार जून महीने में 48 फीसदी, जुलाई में मात्र 63 और अगस्त में अब तक 64 फिसदी अनुमान से कम बारिश हुई है। अगस्त महिना में 59.37 मिलीमीटर ही बारिश हुई है।

Web Title: Fear of famine deepening in Bihar, Chief Minister Nitish Kumar did aerial survey of many districts

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