कोरोना वायरस की मार से जूझ रहे किसानों को 'ई-नाम' का सहारा, लॉकडाउन में घर बैठे फसल बेचने में मिली बड़ी मदद
By एसके गुप्ता | Published: April 4, 2020 08:59 AM2020-04-04T08:59:16+5:302020-04-04T08:59:16+5:30
कोरोना संक्रमण से किसानों को बचाने के लिए केंद्र ने 'ई-नाम प्लेटफार्म' को अधिक सशक्त बनाने पर काम शुरू कर दिया है. केंद्र के इस पोर्टल से महाराष्ट्र की पांच दर्जन मंडियों को जोड़ा गया है जिससे यह कोरोना के कारण अपनी फसल बेचने बाजार नहीं पहुंच पा रहे किसानों के मददगार के रूप में उभरा है.
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण से किसानों को बचाने के लिए केंद्र ने 'ई-नाम प्लेटफार्म' को अधिक सशक्त बनाने पर काम शुरू कर दिया है. केंद्र के इस पोर्टल से महाराष्ट्र की पांच दर्जन मंडियों को जोड़ा गया है जिससे यह कोरोना के कारण अपनी फसल बेचने बाजार नहीं पहुंच पा रहे किसानों के मददगार के रूप में उभरा है. शुक्र वार को 11 मंडियों में इस प्लेटफार्म की सहायता से किसानों ने घर बैठे अपनी फसलें बेचीं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा है कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से शुरू इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) पर पहले से 585 मंडियां जुड़ी हुई हैं. इसमें देश के 16 राज्य और दो संघ शासित प्रदेश की मंडियां शामिल हैं. किसान ई-नाम एप मोबाइल पर डाउनलोड करके इसका लाभ उठा सकते हैं. लव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्र मण के खतरे से बचने के लिहाज से यह सुविधा काफी अहम है. इसकी सहायता से इस समय किसान अपने खेतों के पास ही बेहतर कीमतों पर अपनी उपज बेच रहे हैं. इसके लिए अन्य राज्यों की 400 मंडियों को ई-नाम से जोड़ने पर काम चल रहा है.
किसान सीधे वेयर हाउसों या खेतों से फसल बेच पाएंगे
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना वायारस से बचाव के लिए आयुष मंत्रालय की ओर से 'आरोग्य सेतु एप' गुरुवार को शुरू किया गया है. इसमें लोगों को बताया गया है कि वह कोरोना संक्र मण की जांच कैसे करें. कोरोना संक्र मण से बचाव के लिए अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कैसे बढाएं. कोरोना वायरस से बचाव और जागरूकता के लिए 24 घंटे में 30 लाख लोगों ने इसे डाउनलोड किया है.