राजस्थान में नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों की पंचायत, जाति-धर्म को भूल एकजुट हो रहे हैं किसान

By अनुराग आनंद | Published: February 4, 2021 10:47 AM2021-02-04T10:47:27+5:302021-02-04T10:53:09+5:30

राजस्थान में कई जगहों पर संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान संगठनों ने केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ रैलियों और जनसभाओं का आयोजन किया है। इसके अलावा अलग-अलग क्षेत्रों के किसान पंचायत लगाकर आंदोलन को समर्थन देने की योजना बना रहे हैं।

farmers Protests on agri laws pick up in Rajasthan, across caste, religion | राजस्थान में नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों की पंचायत, जाति-धर्म को भूल एकजुट हो रहे हैं किसान

दौसा में भी किसानों के आंदोलन में जुटी भारी भीड़ (सोशल मीडिया फोटो साभार)

Highlightsकिसान आंदोलन ने जाट, गुर्जर, मीणा और मुसलमानों समेत विभिन्न जाति और धर्म के किसानों को एक साथ एक मंच पर ला दिया है।हिम्मत सिंह गुर्जर ने कहा कि दौसा में तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ आयोजित एक हालिया कार्यक्रम में लगभग 7000 लोगों की भीड़ जमा हुई।

जयपुर: अब तक किसान आंदोलन का असर राजस्थान के सिर्फ एक जिला में अलवर में देखने को मिल रहा था। शाहजहांपुर बॉर्डर व हरियाणा राज्य से करीब होने की वजह से यहां के किसान बड़ी संख्या में शाहजहांपुर बॉर्डर पर बैठकर तीनों कृषि कानून का विरोध कर रहे थे। लेकिन, अब किसान आंदोलन का असर पिछले एक सप्ताह में प्रदेश के कई पूर्वी जिलों में भी देखने को मिल रहा है।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, राजस्थान के पूर्वी जिलों में कुछ स्थानों पर संयुक्ता किसान मोर्चा से जुड़े किसान संगठनों ने कानूनों के खिलाफ रैलियों और जनसभाओं का आयोजन किया है।

इसके अलावा किसान अलग-अलग जगहों पर अब बैठक व पंचायत कर तीनों कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं। कई क्षेत्रों में किसानों को एकजुट करने में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने भी जनसभाओं के आयोजन में मदद किया। 

दौसा जिला तीनों नए कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन का अब नया केंद्र बनकर उभरा-

पूर्वी राजस्थान में दौसा जिला तीनों नए कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन का अब नया केंद्र बनकर उभरा है। किसान नेताओं ने कहा कि पिछले एक सप्ताह में दौसा में दो बैठकें हुई हैं और 5 फरवरी को दौसा के राजेश पायलट स्टेडियम में एक विशाल ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया जा रहा है।

इसके अलावा, करौली, सवाई माधोपुर और भरतपुर जैसे जिलों में भी किसान एकडुट होकर रैलियों का आयोजन कर रहे हैं। इस बात की जानकारी राज्य किसान संघर्ष समिति के प्रमुख हिम्मत सिंह गुर्जर ने दी है।

आंदोलन ने जाट, गुर्जर, मीणा और मुसलमानों समेत विभिन्न जाति-धर्म के किसानों को एकजुट कर दिया

हिम्मत सिंह गुर्जर इस क्षेत्र के गुर्जर समुदाय के लोगों में एक प्रभावशाली किसान नेता हैं। हिम्मत सिंह गर्जर समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करने वाले नेताओं में भी सबसे आगे रहे हैं और गुर्जरों के आरक्षण को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया है। ऐसे में गुर्जर जाति के लोग उन्हें अपने नेता के तौर पर देखते हैं।

उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि किसान आंदोलन ने जाट, गुर्जर, मीणा और मुसलमानों समेत विभिन्न जाति और धर्म के किसानों को एक साथ एक मंच पर ला दिया है।

उन्होंने कहा कि दौसा में मीना सेमला में तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ आयोजित एक हालिया कार्यक्रम में लगभग 7000 लोगों की भीड़ जमा हुई। शाहजहांपुर सीमा पर  श्रीगंगानगर जिले के ग्रामीण किसान मजदूर समिति (जीकेएस) के संयोजक रणजीत सिंह राजू ने कहा कि इस स्थल पर 3,000 से अधिक प्रदर्शनकारी हैं और 200 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉलियां हैं।

Web Title: farmers Protests on agri laws pick up in Rajasthan, across caste, religion

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