पंजाब और हरियाणा में किसानों ने जिला मुख्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया

By भाषा | Published: December 14, 2020 09:26 PM2020-12-14T21:26:47+5:302020-12-14T21:26:47+5:30

Farmers protest outside district headquarters in Punjab and Haryana | पंजाब और हरियाणा में किसानों ने जिला मुख्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया

पंजाब और हरियाणा में किसानों ने जिला मुख्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया

(इंट्रो में पद सही करते हुए)

चंडीगढ़, 14 दिसंबर नये कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों के राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के आह्वान के बाद पंजाब और हरियाणा में किसानों ने सोमवार को जिला उपायुक्त कार्यालयों के बाहर नारेबाजी की और विरोध मार्च निकाला।

प्रदर्शनकारियों के पंजाब से सटे शंभू सीमा पर इकट्ठा हो जाने के बाद हरियाणा पुलिस ने अंबाला-पटियाला राजमार्ग को कुछ घंटों के लिए बंद कर दिया।

पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने भी प्रदर्शन किया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने शंभू बार्डर पर प्रदर्शन में हिस्सा लिया। विपक्षी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के कार्यकर्ताओं ने अमृतसर में प्रदर्शन किया।

पंजाब में लुधियाना, पटियाला, संगरूर, बरनाला, बठिंडा, मोगा, फरीदकोट, फिरोजपुर और तरणतारण समेत कई जिलों में प्रदर्शन किया गया।

भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहान) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा, ‘‘पंजाब में कई स्थानों पर किसानों ने उपायुक्त कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया। ’’

उन्होंने कहा कि विरोध मार्च भी निकाला गया। उन्होंने कहा, ‘‘ठंड के बाद भी किसानों के साथ महिलाओं और बच्चों ने भी बड़ी संख्या में प्रदर्शनों में हिस्सा लिया।’’

होशियारपुर में हाथों में तख्तियां और संगठन के झंडे लेकर प्रदर्शनकारी जिला प्रशासनिक परिसर के बाहर धरने पर बैठ गये और उन्होंने चार घंटे तक यातायात जाम कर दिया।

हरियाणा में फतेहाबाद, जींद, सिरसा, कुरूक्षेत्र, गुड़गांव, फरीदाबाद, भिवानी, कैथल और अंबाला में प्रदर्शन किये जाने की खबर है। जींद में लघु सचिवालय के बाहर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकारियों ने जिला कार्यालय परिसर में घुसने की कोशिश की। फतेहाबाद में किसानों ने ट्रैक्टर जुलूस निकाला और बाद में उनमें से कुछ जिला सचिवालय पर भूखहड़ताल पर बैठ गये। अंबाला में भी उपायुक्त कार्यालय के बाहर नारेबाजी हुई।

फरीदाबाद में किसानों ने सचिवालय की ओर मार्च निकाला । उनके समर्थन में कुछ वकील भी सचिवालय के बाहर धरने पर बैठ गये। हरियाणा के कुछ श्रमिक संघों ने भी प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन किया। राज्य में अन्य स्थानों पर उपायुक्तों के माध्यम से केंद्र को ज्ञापन सौंपा गया और नये कानूनों को निरस्त करने की मांग की गयी।

फतेहाबाद के एक किसान ने कहा, ‘‘ हम एमएसपी की कानूनी गारंटी एवं कृषि कानूनों का निरसन चाहते हैं ।’’

हजारों किसान इन कानूनों के निरसन की मांग करते हुए कई दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं । सोमवार का जिलास्तर का प्रदर्शन इसी आंदोलन का हिस्सा था।

केंद्र के साथ अबतक की वार्ताओं से इन कानूनों पर गतिरोध दूर नहीं हो पाया है। किसान संगठनों का कहना है कि इन कानूनों से एमएपी व्यवस्था कमजोर होगी और वे बड़े औद्योगिक घरों के रहमो-करम पर रह जायेंगे।

हालांकि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया है कि एमएसपी व्यवस्था बनी रहेगी और ये कानून किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए और विकल्प प्रदान करेंगे।

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Web Title: Farmers protest outside district headquarters in Punjab and Haryana

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