उत्तर प्रदेश के किसानों को गन्ना तुलवाने के लिए करना पड़ रहा है लंबा इंतजार, जानें परेशान किसानों ने क्या कहा

By अनुराग आनंद | Published: March 7, 2021 02:54 PM2021-03-07T14:54:41+5:302021-03-07T15:01:07+5:30

धामपुर चीनी मिल से मात्र दो किलोमीटर दूर यहां बुढ़ाना तहसील में भोपड़ा कांटे के निकट खाली खेत में करीब 100 ट्रैक्टर ट्रॉली देखी जा सकती हैं, जिनमें से हर पर औसतन 300 क्विंटल गन्ना लदा है।

Farmers of Uttar Pradesh have to wait long to get sugarcane weighed | उत्तर प्रदेश के किसानों को गन्ना तुलवाने के लिए करना पड़ रहा है लंबा इंतजार, जानें परेशान किसानों ने क्या कहा

लंबे कतार में गन्ना के किसान (फाइल फोटो)

Highlightsकिसानों के चेहरे पर चिलचिलाती धूप में सूख रहे उनके गन्ने को लेकर चिंता साफ नजर आती है।किसानों का कहना है कि कांटे पर लंबे एवं थकाऊ इंतजार से किसानों को नुकसान हो रहा है।

मुजफ्फरनगर: एक ओर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के बनाए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन पिछले 100 से अधिक दिनों से चल रहा है, वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन में भाग नहीं ले रहे किसानों को ट्रैक्टर ट्रॉलियों में पड़े कई क्विंटल गन्ने को केवल तुलवाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

कुछ किसान मौजूदा प्रदर्शन के बारे में बातचीत करके, कुछ किसान बीड़ी और सिगरेट पीकर और पंजाबी एवं हरियाणवी गाने सुनकर अपना समय काट रहे हैं, लेकिन सभी के चेहरे पर चिलचिलाती धूप में सूख रहे उनके गन्ने को लेकर चिंता साफ नजर आती है।

धामपुर चीनी मिल से मात्र दो किलोमीटर दूर यहां बुढ़ाना तहसील में भोपड़ा कांटे के निकट खाली खेत में करीब 100 ट्रैक्टर ट्रॉली देखी जा सकती हैं, जिनमें से हर पर औसतन 300 क्विंटल गन्ना लदा है। ये वाहन औसतन करीब तीन दिन से गन्ना तुलवाने का इंतजार कर रहे हैं।

जानें गन्ना किसानों ने मीडिया से बात कर क्या कहा- 

कुतबा गांव के रोहित बालयान ने मीडिया से कहा, ‘‘मैं कांटे पर दो दिन से इंतजार कर रहा हूं और ऐसा लगता है कि मुझे अपनी फसल चीनी मिल ले जाने से पहले और दो दिन का इंतजार करना होगा।’’ बालयान (21) ने कहा, ‘‘कांटे पर लंबे एवं थकाऊ इंतजार से किसानों को नुकसान हो रहा है, क्योंकि सूरज के नीचे गन्ना सूखने लगता है और जब तक गन्ना तुलवाने का नंबर आता है, जब तक वजन भी थोड़ा कम हो जाता है।’’

मिल मालिकों का कहना है कि किसानों ने मिलों की क्षमता से अधिक गन्ना उगाया है

एशिया की सबसे बड़ी गुड़ मंडी मुजफ्फरनगर की एक चीनी मिल के अधिकारी ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा कि लंबे इंतजार के बाद वजन में केवल कुछ किलोग्राम की कमी आती है लेकिन किसानों का तर्क है कि उनके लिए यह नुकसान बहुत बड़ा है, क्योंकि उनकी कमाई हजारों रुपए कम हो जाती है। हालांकि मिल मालिकों का कहना है कि किसानों ने मिलों की क्षमता से अधिक गन्ना उगाया है, जिसके कारण उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ रहा है और क्षेत्र में कांटों की कमी भी इसका कारण है। 

(एजेंसी इनपुट)

Web Title: Farmers of Uttar Pradesh have to wait long to get sugarcane weighed

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