किसान आंदोलनः अकाली दल के बाद आरएलपी संयोजक और सांसद हनुमान बेनीवाल का NDA छोड़ने का ऐलान

By सतीश कुमार सिंह | Published: December 26, 2020 06:24 PM2020-12-26T18:24:12+5:302020-12-26T19:14:11+5:30

केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ एनडीए में हलचल बढ़ गई है। अकाली दल के बाद राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने एनडीए छोड़ने का फैसला किया है। 

farmer protest akali dal nda angry on agriculture bills rlp also upset MP Hanuman Beniwal announces to quit jaipur rajasthan | किसान आंदोलनः अकाली दल के बाद आरएलपी संयोजक और सांसद हनुमान बेनीवाल का NDA छोड़ने का ऐलान

कोटा, गंगानगर, भरतपुर, हनुमानगढ़ व अलवर सहित अनेक जिलों में किसानों ने प्रदर्शन किया। (file photo)

Highlightsबेनीवाल ने आरएलपी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के बाद यह घोषणा की।आरएलपी ने राजस्थान में पिछला चुनाव भाजपा के साथ गठबंधन में लड़ा था।आरएलपी राजस्थान सहित देशभर में किसानों के पक्ष में प्रदर्शन करेगी।

जयपुरः केंद्र सरकार को एक और झटका लगा है। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ अकाली दल के बाद आरएलपी संयोजक और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (एनडीए) छोड़ने का फैसला किया। 

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने कहा कि हमारा विरोध यही है कि तीनों कृषि कानूनों को वापिस लिया जाए। मैंने लोकसभा की तीनों कमेटियों से इस्तीफा दे दिया है। आवश्यकता पड़ी तो लोकसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दूंगा।

किसान आंदोलन के समर्थन और बिल से खफा होकर हनुमान बेनीवाल ने छोड़ने का फैसला किया। इससे पहले किसान आंदोलन के समर्थन में व लोकहित के मुद्दों को लेकर संसद की तीन समितियों के सदस्य पद से त्याग पत्र देने की घोषणा की थी।

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के संयोजक एवं नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने शनिवार को नए केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होने की घोषणा की। अलवर जिले के शाहजहांपुर में किसान रैली को संबोधित करते हुए बेनीवाल ने कहा, '' मैं राजग के साथ 'फेविकोल' से नहीं चिपका हुआ हूं। आज, मैं खुद को राजग से अलग करता हूं।''

बेनीवाल ने विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध में शुक्रवार को किसानों के समर्थन में दिल्ली कूच का ऐलान किया था। जयपुर-दिल्ली राजमार्ग पर राजस्थान-हरियाणा की सीमा के पास शाहजहांपुर में किसान पिछले 14 दिनों से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भेजे पत्र में बेनीवाल ने संसद की उद्योग संबंधी स्थायी समिति, याचिका समिति व पेट्रोलियम व गैस मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति से इस्तीफा देने बात की है। बेनीवाल के अनुसार उन्होंने सदस्य के रूप में जनहित से जुड़े अनेक मामलों को उठाया, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, इसलिए वह किसान आंदोलन के समर्थन में व लोकहित के मुद्दों को लेकर संसद की तीन समितियों के सदस्य पद से त्याग पत्र दे रहे हैं।

‘अगर किसानों की इतनी ही चिंता है तो वह स्‍वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करें’

केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन ने राजस्‍थान में भी जोर पकड़ लिया है जहां अनेक जगह पर किसानों ने राजमार्ग पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया। इस बीच राजग की घटक राष्‍ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के संयोजक और सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘अगर किसानों की इतनी ही चिंता है तो वह स्‍वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करें’।

बेनीवाल ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने ये कानून लाते समय किसी से चर्चा नहीं की। उन्‍होंने कहा, ‘‘जब तीनों विधेयक लाए गए तो किसी से बात नहीं की गयी। हम भी राजग का हिस्सा हैं, हम भी किसान के बेटे हैं, हमसे भी बात करते कि किसानों के लिए ऐसा विधेयक ला रहे हैं। पता नहीं किसने विधेयक का मसौदा बनाया ... लाकर रख दिया और हां पक्ष जीता, हां पक्ष जीता .. विधेयक पारित कराके चल दिए।’’

बेनीवाल ने कहा, ‘‘इससे तो आपका भला नहीं होने वाला। अगर प्रधानमंत्री को किसान की इतनी ही चिंता है तो देश में स्वामीनाथन आयोग की रपट लागू करें।’’ उन्होंने कहा कि ये तीनों विधेयक किसान विरोधी हैं सरकार को चाहिए कि वह एक नया कानून बनाए जिससे किसान का भला हो। अगर केंद्र सरकार अभी स्वामीनाथन आयोग की रपट लागू करने की स्थित में नहीं है तो वह समर्थन मूल्य की गारंटी दे।

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