Exclusive: परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की कार के प्रदूषण प्रमाणपत्र फर्जी, दिल्ली में मौजूद कार को नागपुर, पुणे से जारी हुए PUC सर्टिफिकेट

By विकास झाड़े | Published: September 17, 2019 08:17 AM2019-09-17T08:17:03+5:302019-09-17T13:02:43+5:30

1 सितंबर 2019 से मोटर वाहन संशोधित कानून अमल में आ गया है. संशोधित कानून के अनुसार वाहन चालक यदि नियमों का पालन नहीं करते हैं तो 10 हजार रुपए का जुर्माना और छह माह तक की सजा भोगनी पड़ती है.

Fake PUC certificate issued fror Union Minister Nitin Gadkari's car from Nagpur, Pune, Chandrapur | Exclusive: परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की कार के प्रदूषण प्रमाणपत्र फर्जी, दिल्ली में मौजूद कार को नागपुर, पुणे से जारी हुए PUC सर्टिफिकेट

केंद्रीय सड़क परिवहन, जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी

Highlightsकेंद्रीय सड़क परिवहन, जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी की दिल्ली में दौड़ने वाली कार का पीयूसी प्रमाणपत्र नागपुर, पुणे और चंद्रपुर के पीयूसी सेंटरों ने बगैर कार देखे ही जारी कर दिया.किसी ने भी वाहन की जांच करना तो दूर यह पूछने तक की जरूरत नहीं समझी कि वाहन कहां है

प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए देशभर में वाहनों की जांच करके प्रमाणपत्र देने वाली यंत्रणा कितनी भ्रष्ट है, इसकी बानगी तब देखने को मिली जब केंद्रीय सड़क परिवहन, जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी की दिल्ली में दौड़ने वाली कार का पीयूसी प्रमाणपत्र नागपुर, पुणे और चंद्रपुर के पीयूसी सेंटरों ने बगैर कार देखे ही जारी कर दिया. किसी ने भी वाहन की जांच करना तो दूर यह पूछने तक की जरूरत नहीं समझी कि वाहन कहां है?

उल्लेखनीय है कि यह कार केंद्रीय मंत्री गडकरी के नाम पर है और वह तीन वर्षों से दिल्ली में है. इस कार का उपयोग गडकरी स्वयं करते हैं. किसी भी वाहन के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसी) उस वाहन की जांच करके दिया जाना चाहिए. इसके बाद ही वह सड़क पर आती है.

अन्यथा मोटर वाहन संशोधित कानून के अनुसार इसके लिए 10 हजार रुपए का जुर्माना और छह माह तक की सजा भोगनी पड़ती है.

ऐसे खुली पीयूसी जारी करनेवाली लापरवाह यंत्रणा की पोल

दरअसल लोकमत समाचार ने नागपुर, पुणे और चंद्रपुर के पांच आम नागरिकों को एमएच 49 एई 2700 कार का नंबर भेजकर उस वाहन का पीयूसी मंगवाया. जिसके बाद पुणे से इस कार के तीन प्रमाणपत्र जारी किए गए. एक भोसरी के साईं पीयूसी सेंटर और अन्य दो जंगली महाराज रोड के कलमाड़ी पेट्रोल पंप से मिले हैं.



यही नहीं यहां से तो इस वाहन के अगले वर्ष के भी पीयूसी प्रमाणपत्र दे दिए गए. यही नहीं गडकरी के नागपुर शहर के आरटीओ परिसर से भी उनकी कार का 5 मिनट में पीयूसी प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया. चंद्रपुर में दो भिन्न सेंटरों से भी यह प्रमाणपत्र तुरंत ही जारी कर दिया गया. किसी ने भी वाहन की जांच तो दूर यह पूछा तक नहीं कि वाहन कहां है?

दिल्ली में पीयूसी के लिए लगी हैं वाहनों की कतारें

1 सितंबर 2019 से मोटर वाहन संशोधित कानून अमल में आ गया है. संशोधित कानून के अनुसार वाहन चालक यदि नियमों का पालन नहीं करते हैं तो पुराने जुर्माने के मुकाबले कई गुना अधिक जुर्माना देना पड़ रहा है. जिसके चलते वाहन चालक भयभीत हैं. दिल्ली में तो अपने वाहनों के लिए पीयूसी प्रमाणपत्र लेने के इच्छुक वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं.

नियमानुसार होती है प्रदूषण की जांच

प्रदूषण जांच केंद्र पर कम्प्यूटर से जुड़ा एक गैस एनालाइजर होता है. इस कम्प्यूटर में कैमरा और प्रिंटर भी जुड़ा होता है. गैस एनालाइजर को वाहन के साइलेंसर में डालते हैं. वाहन को चालू रखा जाता है. यह गैस एनालाइजर वाहन से निकलने वाले धुएं के स्तर की जांच करता है और आंकड़े कम्प्यूटर को भेजता है. वहीं, कैमरा गाड़ी के लाइसेंस प्लेट की फोटो लेता है. यदि वाहन से तय दायरे में प्रदूषण निकल रहा है, तो उसका पीयूसी प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाता है.

Web Title: Fake PUC certificate issued fror Union Minister Nitin Gadkari's car from Nagpur, Pune, Chandrapur

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