कभी होटलों में दूध सप्लाई करते थे एनटीआर, कुछ ऐसा था सुपरस्टार से CM बनने तक का सफर
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: January 18, 2018 08:24 AM2018-01-18T08:24:01+5:302018-01-18T08:25:21+5:30
एनटी रामा राव आज अभिनेता, फिल्म निर्माता के साथ ही मुख्यमंत्री के रूप में भी याद किए जाते हैं।
नन्दमूरि तारक रामाराव, प्यार से ‘एनटीआर’ पुकारे जाने वाले अभिनेता और जननेता ने आज ही के दिन1996 में इस दुनिया को अलविदा कहा था। एनटी रामा राव आज अभिनेता, फिल्म निर्माता के साथ ही मुख्यमंत्री के रूप में भी याद किए जाते हैं। इन्होंने अपने जीवन में काफी संघर्ष झेले थे।
एनटी का परिवार
तेलुगू फिल्मों के लोकप्रिय अभिनेता एनटी रामाराव का जन्म एक किसान परिवार में 28 मई, 1923 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के एक छोटे से गांव निमकमुकुर में हुआ था। एनटी रामाराव ने अपने गांव में सिर्फ पांचवीं तक की पढ़ाई की थी। इसके बाद इनके मामा जो आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में रहते थे, उन्होंने इन्हें गोद ले लिया था। एनटी रामाराव के परिवार की आर्थिक स्थिति कुछ खास नहीं थी। परिवार की मदद के लिए उन्होंने बेहद कम उम्र में विजयवाड़ा के आस-पास के होटलों में दूध सप्लाई करना शुरू कर दिया था
फिल्मी करियर
एनटी रामा राव ने अपने फिल्मी कॅरियर की शुरूआत मना देसम (1949) नामक तेलुगु फिल्म में पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका के साथ की। इसके बाद उन्होंने एक अंग्रेजी नाटक पिजारो पर आधारित और बी ए सुब्बाराव द्वारा निर्देशित फिल्म ‘पल्लेतुरी पिल्ला’ में अभिनय किया। इस फिल्म ने जबरदस्त सफलता हासिल की और रामाराव एक लोकप्रिय अभिनेता बन गए। फिल्म ‘सीताराम कल्याणम्’ के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड और फिल्म ‘राजू पेडा’ और ‘लव कुश’ में उनके अभिनय के लिए उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिला था।
राजनीति में रखा कदम
पद्म श्री से सम्मानित एनटी रामाराव ने साल 1982 में ‘तेलुगु देशम पार्टी’ की स्थापना कर राजनीति में प्रवेश किया था। ठीक एक साल बाद यानी 1983 में वह पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। 1983 से 1995 के बीच एनटीआर आंध्र प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री चुने गए। उन्होंने अपने कार्यकाल में महिलाओं और समाज के अन्य पिछड़े वर्गों को मुख्य धारा में लाने के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए।
एनटी रामा राव इतने लोकप्रिय थे कि इन्दिरा गांधी की हत्या के बाद जब पूरे देश में कांग्रेस की लहर थी तब बस आंध्र-प्रदेश में कांग्रेस नहीं जीत पाई। इतना ही नहीं तेलुगु देशम लोक सभा में मुख्य विपक्षी दल भी बन गया। साल 1989 के चुनाव में विरोधी लहर के कारण तेलुगु देशम पार्टी चुनाव हार गयी और कांग्रेस एक बार फिर सत्ता में वापसी हुई। एक बार फिर से सन् 1994 में रामारावा दोबारा सत्ता में लौटे। उनकी तेलुगु देशम पार्टी की 226 सीटों पर विजय हुई थी। इस बार एनटी रामा राव महज 9 महीने के लिए ही मुख्यमंत्री पद रह पाए क्योंकि उनके दामाद चंद्रबाबू नायडू ने पार्टी के अन्दर भीतरघात कर रामा राव को पार्टी अध्यक्ष और मुख्य मंत्री पद से हटा दिया।
एनटीआर ने की थीं दो शादियां
एनटीआर का निजी जीवन भी काफी रोचक रहा है एनटी रामा राव ने सन 1942 में अपने मामा की बेटी बासव तारकम से विवाह किया। इन दोनों के आठ बेटे और चार बेटियां थीं। उनकी पत्नी बासव तारकम का देहांत सन 1985 में हो गया। सन 1993 में सत्तर साल की उम्र में रामा राव ने तेलुगु लेखक ‘लक्ष्मी पार्वती’ से पुनः विवाह किया लेकिन एन।टी।आर। के परिवार ने लक्ष्मी को कभी भी स्वीकार नहीं किया।