प्रक्रियाओं को सरल बनाने, सस्ती दर पर कर्ज से निर्यातकों को मिलेगी मदद: पीयूष गोयल
By भाषा | Published: September 12, 2019 12:54 AM2019-09-12T00:54:08+5:302019-09-12T00:54:08+5:30
क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समझौते के लिये 16 देश बातचीत कर रहे हैं। इसमें दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) में शामिल 10 देश तथा भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि सरकार निर्यातकों के लिये प्रक्रियाओं को सरल बनाने और प्रतिस्पर्धी दर पर कोष उपलब्ध कराने पर गौर कर रही है। सरकार की इस पहल का मकसद देश के निर्यात को बढ़ाना है।
यह भी कहा कि सरकार प्रस्तावित वृहत व्यापार समझौता आरसीईपी में उद्योग के हितों का ध्यान रखेगी और निर्यातकों के लिये बड़ा अवसर सुनिश्चित करेगी। यह पूछे जाने पर क्या सरकार निर्यातकों को पैकेज देने पर काम कर रही है,
उन्होंने कहा, ‘‘प्रक्रियाओं को सरल बनाना तथा यह सुनिश्चित करना उन्हें किसी तरह की बाधा का सामना नहीं करना पड़े, यह सबसे बड़ा पैकेज है जो निर्यातक चाहते हैं।’’ गोयल ने कहा कि उनके मंत्रालय ने निर्यातकों की समस्याओं को समझने के लिये उनके साथ कई दौर की वार्ता की है। मंत्री बृहस्पतिवार को व्यापार बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
बैठक में बोर्ड वस्तु एवं सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिये अपने सदस्यों से उनके विचार जानेगा। सदस्यों में सरकारी विभाग, राज्य, निर्यातक और उद्योग सदस्य हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी बोर्ड को संबोधित करेंगी। गोयल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उनकी (निर्यातकों) कोष तक आसान पहुंच की जरूरत है। उन्हें सस्ती दर पर कोष की जरूरत है। वे निर्यात-आयात के मामले में सरल प्रक्रियाएं, आसान कागजी काम की सुविधा चाहते हैं। सरकार इस पर काम कर रही है।’’ उन्होंने कहा कि रियायतें केवल अल्पकालीन हो सकती है और उससे दीर्घकाल में उद्योग को मजबूत नहीं किया जा सकता।
मंत्री ने निर्यातकों से अनुचित व्यापार गतिविधियों और अनुचित आयात के बारे में मंत्रालय को पत्र लिखने को कहा। इस बीच, गोयल ने घरेलू उद्योग के प्रतिनिधियों, विनिर्माताओं, विभिन्न क्षेत्रों के संगठनों और उपयोगकर्ताओं के प्रतिनिधियों के साथ बुधवार को बैठक की। यह बैठक प्रभावी व्यापार नीति और विकास रणनीति तैयार करने और उसके क्रियान्वयन में नियामकीय उपायों पर चर्चा के लिये हुई। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार प्रस्तावित वृहत व्यापार समझौता आरसीईपी में उद्योग के हितों का ध्यान रखेगी और निर्यातकों के लिये बड़ा अवसर सुनिश्चित करेगी।
गोयल ने कहा कि भारत ने आरसीईपी के सभी 15 देशों के प्रतिनिधियों को 14-15 सितंबर को बुलाया है ताकि समझौते से संबंधित विचारों पर चर्चा की जा सके।