विशेषज्ञों ने बेहतर विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवोन्मेष परितंत्र के लिए केंद्र-राज्य सहयोग पर दिया जोर
By भाषा | Published: January 22, 2021 05:12 PM2021-01-22T17:12:03+5:302021-01-22T17:12:03+5:30
नयी दिल्ली, 22 जनवरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने शुक्रवार को कहा कि विशेषज्ञों ने बेहतर विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष परितंत्र के लिए राज्य स्तर पर अनुसंधाकर्ताओं का नेटवर्क तैयार करने और फिर उसे राष्ट्रीय स्तर पर जोड़ने के लिए केंद्र-राज्य सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया है।
विशेषज्ञों ने इस संबंध में पांचवीं राष्ट्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवोन्मेष नीति (एसटीआईपी) संबंधी मसौदा बाद की विमर्श बैठक में अपनी राय रखी।
डीएसटी ने कहा कि बृहस्पतिवार को हुई आनलाइन बैठक में विशेषज्ञों ने प्रौद्योगिकी के लिहाज से पिछड़े क्षेत्रों में संस्थागत सहयोग से उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की जरूरत पर भी जोर दिया।
एसटीआईपी सचिवालय के प्रमुख अखिलेश गुप्ता ने कहा, ‘‘इस विमर्श में आए सुझाव, फीडबैक और टिप्पणियां काफी अच्छी रही हैं तथा एसटीआईपी मसौदे में संशोधन में इनका ध्यान रखा जाएगा।’’
उन्होंने उल्लेख किया कि इस बैठक में सरकार और विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
एसटीआईपी सचिवालय ने प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय और डीएसटी के साथ मिलकर एसटीआईपी का मसौदा रखा था।
सचिवालय ने 300 से अधिक दौर की चर्चा में देश और विदेश के 43,000 से अधिक पक्षकारों के साथ गहन विमर्श प्रक्रिया की थी।
एसटीआईपी 31 दिसंबर 2020 को जनता की राय के लिए जारी की गई थी। तब से सुझाव और सिफारिश आमंत्रित करने के लिए मसौदा बाद के कई विमर्श हुए हैं।
डीएसटी ने अपने बयान में कहा कि अगले दो सप्ताह में सिलसिलेवार विमर्श की योजना है।
एसटीआईपी मसौदा दस्तावेज पर 31 जनवरी तक ई-मेल के जरिए जनता का फीडबैक मांगा गया है।
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