लाइव न्यूज़ :

एक्सक्लूसिव: PM मोदी ने दिया आदेश, 88 मंत्रालयों के 45 लाख कर्मचारियों को साबित करनी पड़ेगी अपनी उपयोगिता

By हरीश गुप्ता | Updated: October 2, 2019 08:16 IST

मोदी सरकार ने 33 साल सेवा करने वालों की सेवानिवृत्ति का भी प्रस्ताव बना रही है. इसका मुख्य मकसद सरकारी खर्च को कम करना है.

Open in App
ठळक मुद्देमोदी सरकार ने 88 मंत्रालयों और विभागों के सभी कर्मचारियों की समीक्षा का आदेश दिया है.भविष्य को ध्यान में रखते हुए सभी 45 लाख कर्मचारियों को उनकी नौकरी की उपयोगिता और उद्देश्य के प्रति जिम्मेदार होना होगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्र सरकार 45 लाख कर्मचारियों की व्यापक उपयोगिता की समीक्षा के लिए बड़ पैमाने पर एक और कवायद कर रहे हैं. उन्होंने 88 मंत्रालयों और विभागों के सभी कर्मचारियों की समीक्षा का आदेश दिया है. इससे पहले किसी भी प्रधानमंत्री ने सरकार की कार्यबल भर्ती योजना की समीक्षा करने के लिए इस पैमाने पर कवायद नहीं की थी.

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के सूत्रों का कहना है कि यह बेरोजगारी को दूर करने और नई भर्तियों को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है. इस प्रशासनिक सुधार से नई नौकरियां सृजित होंगी क्योंकि समय बदल गया है और पुराने ढर्रे पर चले रहे कार्यबल को हटाना होगा. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने 17 सितंबर को एक अधिसूचना जारी की है जो कार्मिक समीक्षा विभाग की वेबसाइट के एक कोने में है.

इसमें कहा गया है कि कार्यबल नियोजन और नीतियों को तैयार करने के लिए सरकार में विभिन्न सेवाओं या संवर्ग अथवा और पद का प्रोफाइल आवश्यक है. इसके मद्देनजर सभी मंत्रालयों और विभागों को 30 सितंबर तक आवश्यक जानकारी पेश करने की आवश्यकता है. भविष्य को ध्यान में रखते हुए सभी 45 लाख कर्मचारियों को उनकी नौकरी की उपयोगिता और उद्देश्य के प्रति जिम्मेदार होना होगा. उनमें से प्रत्येक कर्मचारी को लिखित में अपनी उपयोगिता समझाना होगा.

विभागों को बताना होगा कि उन्हें इतनी बड़ी संरचना की आवश्यकता क्यों है. हालांकि, इन विभागों के लिए निर्धारित समयसीमा एक दिन पहले समाप्त हो गई है.

33 साल सेवा करने वालों की सेवानिवृत्ति का भी प्रस्ताव :

केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति उम्र कम करने और उनकी गतिहीनता कम करने और पदोन्नति में तेजी लाने के लिए उनकी सेवा अवधि में संशोधन पर विचार कर रही है. हालांकि, यह बहुत प्रारंभिक अवस्था में ही है. इसका मुख्य मकसद सरकारी खर्च को कम करना है.

प्रधानमंत्री कार्यालय में उन कर्मचारियों को सेवानिवृत्त करने का प्रस्ताव भी घूम रहा है, जिन्होंने जिन्होंने 33 साल की सेवा पूरी कर ली है अथवा 58 साल की उम्र तक पहुंच चुके हैं, इनमें से जो भी पहले हो. खर्च विभाग इस प्रस्ताव के वित्तीय प्रभाव का आकलन कर रहा है. फिलहाल अधिकांश सेवाओं में सेवानिवृत्ति उम्र 60 साल है जबकि शिक्षण और चिकित्सा पेशेवरों के लिए यह उम्र 65 साल है. बाद की श्रेणी प्रभावित नहीं हो सकती है.

हालांकि एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यदि वे सेवा जारी रखना चाहते हैं, तो उनके वेतन पर असर पड़ सकता है. दिलचस्त बात यह है कि 2018-19 के आर्थिक सर्वेक्षण में भारत में बढ़ती जीवन प्रत्याशा को सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने का मजबूत आधार बताया गया है.

टॅग्स :मोदी सरकारनरेंद्र मोदी
Open in App

संबंधित खबरें

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

कारोबारIndiGo Crisis: 7 दिसंबर रात 8 बजे तक सभी यात्रियों को तत्काल पैसा वापस करो?, मोदी सरकार ने दिया आदेश, छूटे हुए सभी सामान अगले 48 घंटों के भीतर पहुंचाओ

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत