गोवा: तीन महीने पहले TMC में हुए थे शामिल, अब दिया इस्तीफा, बोले- ये भाजपा से भी बदतर पार्टी
By भाषा | Published: December 24, 2021 01:19 PM2021-12-24T13:19:35+5:302021-12-24T13:55:53+5:30
गोवा के पूर्व विधायक लवू मामलातदार ने शुक्रवार को टीएससी से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। तीन महीने पहले ही वह इस पार्टी से जुड़े थे। मामलातदार ने टीएमसी पर सांप्रदायिक होने का आरोप लगाया।
पणजी: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल होने के लगभग तीन महीने बाद ही गोवा के पूर्व विधायक लवू मामलातदार ने शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। मामलातदार ने टीएमसी पर सांप्रदायिक होने और राज्य विधानसभा चुनावों से पहले वोटों के लिए हिंदुओं और ईसाइयों के बीच विभाजन की कोशिश करने का आरोप लगाया।
पोंडा के पूर्व विधायक गत सितंबर के अंतिम सप्ताह में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल हुए थे। वह टीएमसी में शामिल होने वाले राज्य के पहले कुछ स्थानीय नेताओं में से थे। टीएमसी ने फरवरी 2022 में होने वाले गोवा विधानसभा चुनाव में सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
मामलातदार ने यह भी आरोप लगाया कि टीएमसी चुनाव के बाद सत्ता में आने पर राज्य में महिलाओं के लिए एक कल्याणकारी योजना शुरू करने के नाम पर लोगों के आंकड़े एकत्र कर रही है।
'भाजपा से बदतर पार्टी है टीएमसी'
उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देने के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं टीएमसी में शामिल हुआ था क्योंकि मैं पश्चिम बंगाल (इस साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनाव) में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी के प्रदर्शन से पूरी तरह प्रभावित था।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मेरी यह धारणा थी कि टीएमसी एक बहुत ही धर्मनिरपेक्ष पार्टी है। लेकिन पिछले 15-20 दिनों में मैंने जो कुछ भी देखा है, उससे मुझे पता चला है कि यह भाजपा से भी बदतर है।’’
टीएमसी ने महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन किया है, जिसके मामलातदार 2012 और 2017 के बीच विधायक थे। उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी हिंदू और ईसाई वोटों को बांटने की कोशिश कर रही है।
'टीएमसी एक सांप्रदायिक पार्टी है'
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘चुनाव पूर्व गठबंधन के तहत, वे चाहते हैं कि ईसाई वोट टीएमसी को और हिंदू वोट एमजीपी को जाएं। टीएमसी एक सांप्रदायिक पार्टी है, जो धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बिगाड़ने की कोशिश कर रही है।’’
उन्होंने टीएमसी पर आरोप लगाया कि वह अपनी गृह लक्ष्मी योजना के नाम पर लोगों के डेटा एकत्र करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने पाया है कि पश्चिम बंगाल में शुरू की गई लक्ष्मी भंडार योजना के तहत, केवल 500 रुपये दिए जाते हैं, जबकि यहां वे गृह लक्ष्मी योजना के तहत महिलाओं को 5,000 रुपये देने का वादा कर रहे हैं, जो लगभग असंभव है। योजना का वादा पूरी तरह से गोवा से आंकड़े एकत्र करने के लिए है।