नई दिल्ली: इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की पारदर्शिता पर उठ रहे सवालों के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे एक ब्लैक बॉक्स करार दिया है। साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग से इसकी पारदर्शिता सुनिश्चित करने या फिर से इसे समाप्त करने का आवाह्न किया। सोमवार को एक्स पर ट्वीट कर करते हुए कांग्रेस सांसद ने लिखा, जब लोकतांत्रिक संस्थाओं पर कब्ज़ा कर लिया जाता है, तो एकमात्र सुरक्षा चुनावी प्रक्रियाओं में ही निहित होती है जो जनता के लिए पारदर्शी होती हैं। ईवीएम वर्तमान में एक ब्लैक बॉक्स है। चुनाव आयोग को या तो मशीनों और प्रक्रियाओं की पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए, या उन्हें समाप्त कर देना चाहिए।
दरअसल, स्पेसएक्स और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की हैकिंग के जोखिम के कारण इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को हटाने के समर्थन वाली टिप्पणी ने भारत में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है, जिसमें विपक्षी भारतीय ब्लॉक के नेताओं ने सरकार और सत्तारूढ़ शासन पर निशाना साधते हुए उपकरणों को "छेड़छाड़-प्रूफ" कहा है। मस्क ने भाजपा नेता और पूर्व आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि भारतीय ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती, उन्होंने कहा कि “कुछ भी हैक किया जा सकता है”।
इससे पहले उन्होंने अन्य विपक्षी नेताओं के साथ मिलकर एक्स और टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क की एक पोस्ट का हवाला दिया था, जिसमें ईवीएम के साथ हैकिंग के ‘बहुत अधिक’ जोखिम के बारे में बताया गया था। गांधी ने जवाबदेही की मांग करने के लिए मिडडे की रिपोर्ट का भी हवाला दिया। उन्होंने पहले की एक पोस्ट में कहा था, “जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है, तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की ओर प्रवृत्त होता है।”