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Kisan Andolan: आंदोलन के सात महीने बाद भी किसान नेता अपनी मांग पर अड़े, बनाई कई योजनाएं, जुलाई में होगी दो रैली

By भाषा | Updated: June 27, 2021 09:06 IST

Kisan Andolan: भारतीय किसान यूनियन के महासचिव युद्धवीर सिंह ने कहा कि कृषि कानून वापस होने के बाद ही आंदोलन समाप्त होगा।

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ठळक मुद्देकिसानों का विरोध पिछले साल 26 नवंबर को शुरू हुआ था। अब कोरोना वायरस महामारी के बावजूद सात महीने पूरे कर चुका है।पिछले सात महीने में कई किसानों की जान भी जा चुकी है।

Kisan Andolan: कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान नेता शनिवार को भी अपनी मांग पर अड़े रहे और उन्होंने कहा कि वे विरोध प्रदर्शन तभी समाप्त करेंगे जब सरकार तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेगी। हालांकि, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से आंदोलन वापस लेने और बातचीत करने की अपील की।

भारतीय किसान यूनियन के महासचिव  युद्धवीर सिंह ने कहा, “सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बात नहीं करती। सरकार हमेशा कानूनों में संशोधन की बात करती है। हम चाहते हैं कि वे कानूनों को वापस लें। हम चाहते हैं कि वे एमएसपी पर एक कानून लायें।” राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार कक्का ने कहा कि वह किसी शर्त के साथ कोई बातचीत नहीं करेंगे। 

कक्का ने कहा, “पिछले सात महीने में हमने छह सौ किसान खो दिए हैं और वह (सरकार) हमसे आंदोलन खत्म करने को कह रहे हैं। किसी शर्त पर कोई बातचीत नहीं होगी। अगर सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस लेकर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी वाला एक नया कानून लाती है तब हम उन्हें धन्यवाद देकर अपने घर चले जाएंगे।”

जम्हूरी किसान सभा के महासचिव कुलवंत सिंह ने कहा कि वह भी जल्द से जल्द अपने घर वापस जाना चाहते हैं। उच्चतम न्यायालय ने तीनों कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी थी और समाधान निकालने के लिए एक समिति का गठन किया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। तोमर ने शनिवार को ट्वीट किया, ‘‘मैं आपके (मीडिया) के माध्यम से बताना चाहता हूं कि किसानों को अपना आंदोलन समाप्त करना चाहिए .... देश भर में कई लोग इन नए कानूनों के पक्ष में हैं। 

फिर भी, कुछ किसानों को कानूनों के प्रावधानों के साथ कुछ समस्या है, भारत सरकार उसे सुनने और उनके साथ चर्चा करने के लिए तैयार है।’’उन्होंने कहा कि सरकार ने विरोध कर रहे किसान संघों के साथ 11 दौर की बातचीत की। सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ा दिया है और एमएसपी पर अधिक मात्रा में खरीद कर रही है।

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