कंप्यूटर इंजीनियरिंग स्ट्रीम छात्रों की पहली पसंद, मैकेनिकल में दाखिले हुए कम: शिक्षा मंत्रालय रिपोर्ट
By आकाश चौरसिया | Published: January 28, 2024 01:52 PM2024-01-28T13:52:04+5:302024-01-28T14:03:57+5:30
शिक्षा मंत्रालय की एआईएसएचई रिपोर्ट के आंकड़ों में 2019-20 वर्ष के मुकाबले में 2021-22 में 38 फीसदी का इजाफा हुआ है। सर्वे में जहां वर्ष 2019-20 में कुल 9.3 लाख बच्चे कंप्यूटर इंजीनियरिंग कर रहे थे, अब उनकी संख्या 2021-22 में 12 लाख हो गई।
नई दिल्ली: हाल में आई शिक्षा मंत्रालय की एआईएसएचई रिपोर्ट में बात सामने आई है कि कंप्यूटर इंजीनियरिंग की ओर छात्रों का रुझान बढ़ा है। आए आंकड़ों में 2019-20 वर्ष के मुकाबले में 2021-22 में 38 फीसदी का इजाफा हुआ है। सर्वे में जहां वर्ष 2019-20 में कुल 9.3 लाख बच्चे कंप्यूटर इंजीनियरिंग कर रहे थे, अब उनकी संख्या 2021-22 में 12 लाख हो गई।
शिक्षा मंत्रालय द्वारा गुरुवार रात जारी उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) की नई रिपोर्ट के अनुसार, इंजीनियरिंग में कंप्यूटर इंजीनियरिंग (सीई), इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग (एमई), सिविल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग आती है। डेटा की मानें तो इंजीनियरिंग की इन पांच स्ट्रीम्स में कंप्यूटर और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में इजाफा हुआ है, जहां कुल 38.82 फीसदी और 1.44 फीसदी की बढ़त हुई।
वहीं, दूसरी इंजीनियरिंग की स्ट्रीम्स में मैकेनिकल, सिविल और इलेक्ट्रॉनिक्स में 15.45 फीसदी, 0.81 फीसदी और 3.31 फीसदी का क्रमश: का इजाफा हुआ। लेकिन साल 2021-22 में इंजीनियरिंग में कंप्यूटर कोर्स में 12.9 लाख बच्चों ने दाखिला लिया, जबकि इलेक्ट्रॉनिक्स में 6 लाख बच्चों ने दाखिला लिया और मैकिनकल में 5.74 लाख बच्चों ने, सिविल में 4.64 लाख बच्चों ने और इलेक्ट्रिकल सबसे ज्यादा फेमस स्ट्रीम रही है, जिसमें 3.75 लाख बच्चों ने दाखिला लिया है।
पिछले साल में कंप्यूटर स्ट्रीम में सबसे ज्यादा बच्चों ने एडमिशन लिया था। साथ ही, इस बार इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के लिए, सभी यूजी, पीजी, एमफिल और पीएचडी स्तरों पर कुल नामांकन 41,31,303 है, जो पिछले साल के 39,20,213 से लगभग 5 प्रतिशत अधिक है।
इसके साथ ही कंप्यूटर साइंस में कुल 57,18,185 छात्रों ने दाखिला लिया, जिसमें यूजी, पीजी, एमफिल, पीएचडी स्तर पर 52.1 फीसदी छात्राएं हैं। वहीं, यूजी स्तर पर देखें तो 50.8 फीसदी के साथ कुल 49,18,425 छात्राओं ने दाखिला लिया। पीजी में इन्होंने 61.2 फीसदी के साथ 7,52,807 छात्राओं ने दाखिला लिया। दूसरी ओर पीएचडी में 50 फीसदी के साथ छात्राओं ने 45,324 दाखिला लिया।