इंजीनियरिंग की सीटों में एक दशक आई सबसे ज्यादा कमी, 2021 में बंद होंगे 63 संस्थान , जानें पूरा मामला
By दीप्ती कुमारी | Published: July 28, 2021 09:23 AM2021-07-28T09:23:30+5:302021-07-28T09:28:40+5:30
एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले 10 सालों में इंजीनियरिंग संस्थानों में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली है । कई संस्थानों को बंद करने का निर्देश दिया गया है तो नए संस्थान भी पिछले पांच सालों में उस तेजी के साथ नहीं खुल रहे हैं ।
दिल्ली : 2015-16 से इंजीनियरिंग संस्थान बंद करने का आवेदन करेन वाले कॉलजों और अन्य की क्षमता में कमी के कारण भारत में इंजीनियरिंग सस्थानों में सीटों की कुल संख्या एक दशक में सबसे कम हो गई है ।
सीटों की संख्या में आई भारी कमी
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) की नवीनतम आंकड़ों के अनुसार स्नातक और डिप्लोमा स्तर पर इंजीनियरिंग सीटों की संख्या घटकर 23.28 लाख रह गई है, जो कम से कम 10 वर्षों में सबसे कम है । कई इंजीनियरिंग संस्थान बंद होने और प्रवेश क्षमता में कमी के कारण इस वर्ष सीटों की संख्या 1.46 लाख की गई है । आपको बता दें महत्वपूर्ण गिरावट के बावजूद इंजीनियरिंग अभी देश में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में कुल सीटों का 80% रहा है जिसमें वास्तुकला, प्रबंधन, होटल मैनेजमेंट और फार्मेसी जैसे शिक्षाएं शामिल है।
63 इंजीनियरिंग संस्थान होंगे बंद
2014-15 में एआईसीटीई द्वारा अनुमोदित संस्थानों में इंजीनियरिंग शिक्षा में लगभग 32 लाख सीटें थी। इसमें गिरावट का कारण मांग की कमी को बताया जा रहा है । बच्चे इंजीनियरिंग में कम प्रवेश ले रहे हैं, जिसके कारण लगभग 400 इंजीनियरिंग संस्थानों का परिचालन बंद करना पड़ा । अगर कोरोना महामारी के कारण पिछले साल को छोड़ भी दिया जाए, तो 2015-16 से हर साल कम से कम 50 इंजीनियरिंग संस्थान बंद हो गए हैं । इस साल 63 संस्थानों को बंद करने के लिए एआईसीटीई को मंजूरी मिली है।
इसके अलावा ने इंजीनियरिंग संस्थान स्थापित करने के लिए तकनीकी शिक्षा नियमाक आदि की मंजूरी 5 साल के सबसे निचले स्तर पर है । 2019 में एआईसीटीई ने 2020-21 से शुरू होने वाले नए संस्थानों पर दो साल की मोहलत की घोषणा की । ऐसा आईआईटी हैदराबाद के अध्यक्ष बीवीआर मोहन रेड्डी की सिफारिश पर किया गया था।
शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के लिए एआईसीटीई ने 54 नए संस्थानों को मंजूरी दी है । अध्यक्ष अनिल सहस्त्रबुद्धे ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अनुमोदन पिछड़े जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज स्थापित करने के लिए है, जिन्होंने पहले आवेदन किया था ।राज्य सरकार नया संस्थान शुरू करना चाहती है।