आपातकालीन लैंडिंग की सुविधा 19 और जगहों पर विकसित की जाएगी : गडकरी

By भाषा | Updated: September 9, 2021 18:48 IST2021-09-09T18:48:41+5:302021-09-09T18:48:41+5:30

Emergency landing facility will be developed at 19 more places: Gadkari | आपातकालीन लैंडिंग की सुविधा 19 और जगहों पर विकसित की जाएगी : गडकरी

आपातकालीन लैंडिंग की सुविधा 19 और जगहों पर विकसित की जाएगी : गडकरी

नयी दिल्ली, नौ सितंबर केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिये 19 और जगहों पर आपातकालीन लैंडिंग सुविधा विकसित की जाएगी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ राजस्थान के राष्ट्रीय राजमार्ग 925ए पर आपातकालीन लैंडिंग सुविधा का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि यह राजमार्ग रन-वे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सीमाओं की रक्षा कर देश की सुरक्षा को और मजबूत बनाएगा।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, गडकरी ने कहा कि देश में 19 और जगहों पर आपातकालीन लैंडिंग सुविधा विकसित की जाएगी जिनमें राजस्थान में फलोदी-जैसलमेर सड़क और बाड़मेर-जैसलमेर सड़क, पश्चिम बंगाल में खड़गपुर-बालासोर सड़क, असम में हाशीमारा-गुवाहाटी सड़क, गुजरात में भुज-नलिया सड़क, असम में जोरहाट-बाराघाट सड़क आदि शामिल हैं।

मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विश्वस्तरीय राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य रिकॉर्ड गति से किया जा रहा है।

बयान में गडकरी को उद्धृत करते हुए कहा गया, “अब हमारे राष्ट्रीय राजमार्ग भी सेना के काम आएंगे, जो हमारे देश को अधिक सुरक्षित और आपातकालीन स्थितियों के लिए हमेशा तैयार रखेंगे।”

भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के एक हरक्यूलिस सी-130जे विमान ने दोनों मंत्रियों और प्रमुख रक्षा अध्यक्ष बिपिन रावत को लेकर बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजमार्ग पर ‘मॉक इमरजेंसी लैंडिंग’ की। एनएच-925ए राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारतीय वायुसेना के विमानों के लिए बना पहला ‘इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड’ है।

दोनों मंत्रियों ने ‘एनएच-925’ पर तैयार आपातकालीन लैंडिंग सुविधा पर कई विमानों के संचालन को देखा। सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान और आईएएफ के एएन-32 सैन्य परिवहन विमान और एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर ने भी ईएलएफ पर ‘इमरजेंसी लैंडिंग’ की। इस मौके पर वायुसेना प्रमुख आर के भदौरिया भी मौजूद थे।

भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान और परिवहन विमानों ने यह दिखाने के लिए अक्टूबर 2017 में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर ‘मॉक लैंडिंग’ की थी कि ऐसे राजमार्गों का उपयोग आपात स्थिति में आईएएफ के विमानों को उतारने के लिए किया सकता है। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे राष्ट्रीय राजमार्ग नहीं है और वह उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत आता है।

आधिकारिक बयान के अनुसार, यह सुविधा भारतमाला परियोजना के तहत गगरिया-बखासर और सत्ता-गंधव खंड के नव विकसित ‘टू-लेन पेव्ड शोल्डर’ का हिस्सा है, जिसकी कुल लंबाई 196.97 किलोमीटर है और इसकी लागत 765.52 करोड़ रुपये है।

‘पेव्ड शोल्डर’ उस भाग को कहा जाता है, जो राजमार्ग के उस हिस्से के पास हो जहां से वाहन नियमित रूप से गुजरते हैं ।

बयान में कहा गया कि यह परियोजना अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित बाड़मेर और जालौर जिलों के गांवों के बीच सम्पर्क में सुधार करेगी।

वायुसेना और सेना की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आपातकालीन लैंडिंग पट्टी के अलावा इस परियोजना के तहत कुंदनपुरा, सिंघानिया और बाखासर गांव में तीन हैलीपैड (प्रत्येक 100x30 मीटर आकार के) का भी निर्माण किया गया है।

देश की पश्चिमी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा नेटवर्क को मजबूत करने के लिए ईएलएफ और तीन हेलीपैड विकसित किए गए हैं।

सामान्य समय के दौरान, सड़क यातायात के सुचारू प्रवाह के लिए ईएलएफ का उपयोग किया जाएगा और वायुसेना के लिए ईएलएफ के संचालन के दौरान, यातायात के सुचारू संचालन के लिए सर्विस रोड का उपयोग किया जाएगा।

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