एल्गर परिषद मामला: बॉम्बे हाईकोर्ट ने आनंद तेलतुम्बडे को दो दिनों के लिए मां से मिलने की अनुमति दी
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 2, 2022 04:33 PM2022-03-02T16:33:56+5:302022-03-02T16:40:22+5:30
बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस एसबी शुक्रे और जस्टिस जीए सनप की बेंच ने तेलतुंबड़े की याचिका को स्वीकार करते हुए भाई मिलिंद तेलतुम्बडे की मौत के मद्देनजर 8 मार्च से 10 मार्च के बीच मां से मिलने की अनुमति दी है।
मुंबई:बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को एल्गार परिषद-माओवादी लिंक मामले में आरोपी आनंद तेलतुम्बडे को अपने भाई और कथित नक्सली नेता मिलिंद तेलतुम्बडे की मौत के बाद चंद्रपुर में अपनी मां से दो दिनों के लिए मिलने की इजाजत दी है। तेलतुम्बडे इस समय नवी मुंबई के तलोजा जेल में बंद है।
बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस एसबी शुक्रे और जस्टिस जीए सनप की बेंच ने तेलतुंबड़े की याचिका को स्वीकार करते हुए भाई मिलिंद तेलतुम्बडे की मौत के मद्देनजर 8 मार्च से 10 मार्च के बीच मां से मिलने की अनुमति दी है। आनंद के भाई मिलिंद की मौत बीते साल नवंबर 2021 में हो गई थी।
वहीं इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आनंद तेलतुम्बडे की याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि उनके भाई मिलिंद तेलतुंबडे माओवादी नेता थे और अवैध आतंकी गतिविधियों में शामिल थे।
कोर्ट में एनआईए के वकील संदेश पाटिल ने अपनी दलील में कहा, "यह बड़ा ही गंभीर मामला है कि जिस व्यक्ति की मौत हुई है वह एक वांछित अपराधी था, जिसे सुरक्षाबलों ने घात लगाकर मारा था।"
एनआईए के वकील से कोर्ट ने कहा, "मौत केवल मौत है। वह (मिलिंद) आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो सकता है, लेकिन आखिरकार वो याचिता दायर करने वाले (आनंद) का भाई था। किसी की मौत हुए है, इसे हमें नहीं भूलना चाहिए।"
इसके साथ ही कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आनंद तेलतुंबड़े 8 से 10 मार्च के बीच पुलिस सुरक्षा में अपनी मां से मिल सकते हैं और आनंद को दी जाने वाली पुलिस सुरक्षा का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।
कोर्ट ने कहा कि आनंद तेलतुंबड़े को 8 मार्च से 9 मार्च के बीच चंद्रपुर जाकर मां से मिलने की अनुमति है। इसलिए आनंद को उचित सुरत्रा के बंदोबस्त के साथ भेजा जाए ताकि वह मार्च की सुबह या दोपहर तक चंद्रपुर पहुंच जाए। इसके बाद आनंद को 11 मार्च को पुलिस सुरक्षा में चंद्रपुर से वापस नवी मुंबई के तलोजा जेल लाया जाए।
इसके साथ ही बॉम्बे हाई कोर्ट ने एनआईए को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के कुछ नियमों को चुनौती देने वाली कार्यकर्ता द्वारा दायर दो अन्य याचिकाओं पर भी नोटिस जारी किया है।
याचिका में कहा गया है कि केंद्रीय एजेंसी द्वारा यूएपीए के तहत कड़ी जमानत की शर्तें और फ्रंटल संगठन जैसे शब्दों का दुरुपयोग शामिल है। कोर्ट इन याचिकाओं पर अगले महीने सुनवाई करेगी।