एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामला : एनआईए ने अमेरिकी फर्म की रिपोर्ट पर असहमति जताई

By भाषा | Updated: May 1, 2021 19:00 IST2021-05-01T19:00:10+5:302021-05-01T19:00:10+5:30

Elgar Council-Maoist Relations Case: NIA Disagree on Report of US Firm | एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामला : एनआईए ने अमेरिकी फर्म की रिपोर्ट पर असहमति जताई

एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामला : एनआईए ने अमेरिकी फर्म की रिपोर्ट पर असहमति जताई

मुंबई, एक मई राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने अमेरिकी फर्म की उस रिपोर्ट से असहमति जताई है जिसमें संकेत दिया गया है कि एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी कार्यकर्ता रोना विल्सन के कंप्यूटर में इलेक्ट्रॉनिक सबूत डाले गए।

बंबई उच्च न्यायालय में एनआईए द्वारा शुक्रवार को दाखिल हलफनामे में कहा गया कि एजेंसी ‘दृढतापूर्वक’ अमेरिकी फर्म की रिपोर्ट में शामिल सामग्री को अस्वीकार करती है।

एजेंसी ने कहा कि झूठे सबूत बनाने और इलेक्ट्रॉनिक सबूत स्थापित करने के विल्सन के आरोपों को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि विल्सन की अमेरिकी कंपनी की रिपोर्ट पर आधारित याचिका विचारणीय नहीं है। इसके साथ ही एनआईए ने उच्च न्यायालय से विल्सन की याचिका खारिज करने और मुकदमा का खर्च वसूलने का अनुरोध किया।

एनआईए ने अपने अधिकारी विक्रम झाकटे के माध्यम से दाखिल हलफनामे में कहा, ‘‘मैं दृढ़तापूर्वक इस रिपोर्ट को अस्वीकार करता हूं। मैं कहता हूं कि उपरोक्त तथ्यों के बारे में याचिका में दिए गए तथ्य मेरे द्वारा स्वीकार नहीं किये गये हैं, वे तथ्य विवादित हैं और इसलिए वर्तमान रिट याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता।’’

एनआईए ने कहा कि फर्म की रिपोर्ट और पत्रिका में छपी खबर आरोप पत्र का हिस्सा नहीं है और विल्सन मामला रद्द कराने के लिए इनपर निर्भर नहीं कर सकते हैं।

एजेंसी ने कहा कि चूंकि अमेरिकी कंपनी ने खुद अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि उस व्यक्ति की पहचान करना मुश्किल है जिसने कथित तौर पर झूठे सबूत रखे और यह विल्सन की जिम्मेदारी है कि वह सुनवाई के दौरान सबूतों में छेड़छाड़ के आरोप साबित करें।

एजेंसी ने कहा कि विल्सन के पास आरोप मुक्त करने का आवेदन दाखिल करने के लिए भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 22 या 239 के तहत विकल्प मौजूद है।

एनआईए ने कहा कि अमेरिकी कंपनी का काम अदालत की अनुमति के बिना ऐसी राय देने का नहीं है, वह भी तब जब मामला अदालत में विचाराधीन है।

एनआईए ने कहा कि विल्सन ने मामले की सुनवाई में देरी करने के इरादे से याचिका दाखिल की है।

उल्लेखनीय है कि विल्सन ने इस साल के शुरू में उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर आरोप से उन्हें मुक्त करने और उनके कंप्यूटर में वायरस के जरिये दस्तावेज डालने के आरोप की जांच के लिए उच्चतम या उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में विशेष जांच टीम गठित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।

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Web Title: Elgar Council-Maoist Relations Case: NIA Disagree on Report of US Firm

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