Electoral Bonds data case: ‘लॉटरी किंग’ कंपनी फ्यूचर गेमिंग ने 540 करोड़ रुपये का चंदा तृणमूल कांग्रेस को दिया, द्रमुक, वाईएसआर कांग्रेस, भाजपा और कांग्रेस को भी मिले, देखें सूची
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 22, 2024 03:12 PM2024-03-22T15:12:27+5:302024-03-22T15:13:15+5:30
Electoral Bonds data case: चुनावी बॉण्ड की इस योजना को केंद्र की भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने मार्च 2018 में शुरू किया था, जिसे उच्चतम न्यायालय ने पिछले महीने रद्द कर दिया था।
Electoral Bonds data case: चुनावी बॉण्ड की शीर्ष खरीददार कंपनी फ्यूचर गेमिंग ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को कम से कम 540 करोड़ रुपये का चंदा दिया है। इस तरह से टीएमसी फ्यूचर गेमिंग से सबसे अधिक चंदा प्राप्त करने वाली पार्टी बन गयी है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा निर्वाचन आयोग को बृहस्पतिवार को सौंपे गए विवरण से यह जानकारी मिली है। ‘लॉटरी किंग’ सैंटियागो मार्टिन के स्वामित्व वाली कंपनी ने द्रमुक, वाईएसआर कांग्रेस, भाजपा और कांग्रेस को भी बॉण्ड के जरिये चंदा दिया है। सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा और सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट को भी चुनावी बॉण्ड के सबसे बड़ी खरीदार कंपनी से चंदा मिला है। चुनावी बॉण्ड की इस योजना को केंद्र की भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने मार्च 2018 में शुरू किया था, जिसे उच्चतम न्यायालय ने पिछले महीने रद्द कर दिया था।
इस योजना के अस्तित्व में आने के बाद से कई जानी-मानी कंपनियों ने चुनावी बॉण्ड खरीदे थे। वहीं, राजनीतिक दलों के लिए सबसे बड़ा दानकर्ता फ्यूचर गेमिंग था, जिसने 1,368 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड खरीदे थे। फ्यूचर गेमिंग ने तृणमूल कांग्रेस के अलावा तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) को 509 करोड़ रुपये, आंध्र प्रदेश की युवजन श्रमिक रायतु (वाईएसआर) कांग्रेस पार्टी को करीब 160 करोड़ रुपये, भाजपा को 100 करोड़ रुपये और कांग्रेस को चुनावी बॉण्ड के जरिए 50 करोड़ रुपये का चंदा दिया।
सिक्किम, उन कुछ राज्यों में से एक, जहां लॉटरी वैध है। सिक्किम के दोनों राजनीतिक दलों को फ्यूचर गेमिंग से 10 करोड़ रुपये से कुछ कम का चंदा मिला हैं। चुनावी बॉण्ड की दूसरी सबसे बड़ी खरीददार हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग कंपनी को माना जाता है, जिसने भाजपा, भारत राष्ट्र समिति और द्रमुक सहित विभिन्न राजनीतिक दलों को 966 करोड़ रुपये का चंदा दिया है।
चुनावी बॉण्ड का उपयोग करने वाले राजनीतिक दलों के तीसरे सबसे बड़े दानदाता क्विक सप्लाई ने 2021-22 और 2023-24 के बीच 410 करोड़ रुपये के बॉण्ड खरीदे और इसके जरिए भाजपा को 395 करोड़ रुपये तथा शिवसेना को 25 करोड़ रुपये का चंदा दिया। क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड एक बेहद कम लोकप्रिय कंपनी है, जिसका पंजीकृत पता नवी मुंबई के धीरुभाई अंबानी नॉलेज सिटी (डीएकेसी) में है और इसका संबंध रिलायंस इंडस्ट्रीज से है। इसने भाजपा और शिवसेना के अलावा किसी अन्य राजनीतिक दल को कोई चंदा नहीं दिया।
निर्वाचन आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक भाजपा वेदांता, भारती एयरटेल, मुथूट, बजाज ऑटो, जिंदल समूह और टीवीएस मोटर जैसे बड़े कॉर्पोरेट समूहों से सबसे अधिक चंदा प्राप्त करने वाली पार्टी है। वेदांता ग्रुप ने भाजपा, कांग्रेस, बीजू जनता दल (बीजद) और तृणमूल कांग्रेस को चंदा दिया जबकि भारती एयरटेल ने भाजपा, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), शिरोमणि अकाली दल (शिअद), कांग्रेस और जनता दल यूनाइटेडट (जदयू) को चंदा दिया।
मुथुट ने भाजपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (महाराष्ट्र प्रदेश) को, बजाज ग्रुप ने भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) को, अपोलो टायर्स ने कांग्रेस को तथा केवेंटर्स ने भाजपा और कांग्रेस को चंदा दिया। उद्योगपति लक्ष्मी निवास मित्तल ने भाजपा तथा बायोकॉन प्रमुख किरण मजूमदार शॉ ने भाजपा, तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस को चंदा दिया।
रुंगटा संस प्राइवेट लिमिटेड ने कांग्रेस, भाजपा, तृणमूल कांग्रेस, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा को चंदा दिया। पीरामल कैपिटल और सन फार्मा जैसी दवा निर्माता कंपनियों ने भाजपा को , टोरेंट फार्मास्यूटिकल लिमिटेड ने भाजपा, आप और कांग्रेस को , नाटको फार्मा ने भाजपा, तेलुगु देशम पार्टी , तृणमूल कांग्रेस और भारत राष्ट्र समिति को चंदा दिया।