पीएम मोदी-शाह को क्लीन चिट मामला: चुनाव आयुक्त अशोक लवासा फैसले में 'असहमति' को जगह नहीं देने पर नाराज, कांग्रेस ने सरकार को घेरा
By भाषा | Published: May 18, 2019 11:50 AM2019-05-18T11:50:57+5:302019-05-18T11:53:05+5:30
रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को क्लीन चिट देने पर असहमति जताने वाले चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने अपना विरोध खुलकर जाहिर कर दिया है।
पीएम नरेंद्र मोदी को आचार संहिता मामले में क्लीनचिट देने पर असहमति जताने वाले चुनाव आयोग के सदस्य अशोक लवासा के आयोग की बैठकों में शामिल नहीं होने से जुड़ी खबरों के बाद कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
सूत्रों के हवाले से ऐसी खबर आई है कि अशोक लवासा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आचार संहित उल्लंघन मामले में क्लीन चिट दिये जाने के संबंध जताई गई अपनी असहमति को 'ऑनरिकॉर्ड' नहीं रखे जाने से नाराज हैं। इसके बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इस सरकार में संस्थाओं की गरिमा धूमिल हुई है। कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक खबर शेयर करते हुए ट्वीट किया, 'चुनाव आयोग है या चूक आयोग। लोकतंत्र के लिए एक और काला दिन। चुनाव आयोग के सदस्य ने बैठकों में शामिल होने से इनकार किया। जब चुनाव मोदी-शाह जोड़ी को क्लीनचिट देने में व्यस्त था तब लवासा ने कई मौकों पर असहमति जताई।'
सुरजेवाला ने दावा किया, 'संस्थागत गरिमा धूमिल करना मोदी सरकार की विशेषता है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सार्वजनिक तौर पर बयान देते हैं, रिजर्व बैंक के गवर्नर इस्तीफा देते हैं, सीबीआई निदेशक को हटा दिया जाता है। सीवीसी खोखली रिपोर्ट देता है। अब चुनाव आयोग बंट रहा है।' सुरजेवाला ने सवाल किया कि क्या चुनाव आयोग अशोक लवासा की असहमति को रिकॉर्ड करके शर्मिंदगी से बचेगा?
क्या है पूरा मामला
रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को क्लीन चिट देने पर असहमति जताने वाले चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने अपना विरोध खुलकर जाहिर कर दिया है। उन्होंने हाल ही में मुख्य चुनाव आयुक्त को एक पत्र लिखकर कहा है कि जब तक उनके असहमति वाले मत को ऑन रिकॉर्ड नहीं किया जाएगा तब तक वह आयोग की किसी मीटिंग में शामिल नहीं होंगे।
अशोक लवासा ने इस चिट्ठी में लिखा, 'मुझे पर एक तरह से बाहर रहने का दबाव बनाया जा रहा है क्योंकि मेरे असहमति को ऑन रिकॉर्ड नहीं किया गय़ा है।'