अमरनाथ गुफा में हिमलिंग को बचाने की कवायद शुरू, जानें क्या बनाई जा रही व्यवस्था
By सुरेश एस डुग्गर | Published: May 5, 2022 03:49 PM2022-05-05T15:49:12+5:302022-05-05T15:50:28+5:30
पवित्र गुफा में श्रद्धालु हिमलिंग के दर्शन बिना किसी रुकावट कर सकें इसके लिए विशेष प्रबंध किया है। लोहे की ग्रिल को हटा लिया है। यह ग्रिल एक अवरोधक थी जो श्रद्धालुओं को पवित्र हिमलिंग को छूने से रोकती थी पर साथ ही इसके कारण श्रद्धालुओं को हिमलिंग के दर्शन भी सही तरीके से नहीं हो पाते थे।
जम्मू: अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने इसके प्रति दावा किया है कि इस बार अमरनाथ गुफा के भीतर तापमान बराबर रखने की खातिर आवश्यक उपकरण स्थापित किए जा रहे हैं। ऐसा कर वे हिमलिंग को लंबे समय तक बचाए रखने की कवायद करना चाहते हैं जो अक्सर कई बार ग्लोबल वार्मिंग या फिर भक्तों की सांसों की गर्मी के कारण पिघल जाया करता है।
अधिकारियों के मुताबिक, इस बार हमने ऐसी व्यवस्था की है कि कोई भी श्रद्धालु यात्रा शुरू होने और यात्रा के बाद हिमलिंग को न छूने पाए ताकि हिमलिंग की पवित्रता को बरकरार रखा जाए तथा उसे भक्तों के हाथों की गर्मी से पिघलने से बचाया जा सके। भक्तों की सांसों की गर्मी से हिमलिंग को बचाने की खातिर अमरनाथ की गुफा को तकनीक के सहारे ठंडा और वातानुकूलित बनाने की योजना लागू की जाएगी।
अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड के सूत्रों के अनुसार, गुफा को पूरी तरह से वातानुकूलित करने, आइस स्केटिंग रिंक तकनीक का इस्तेमाल करने की भी योजना है। इसी के तहत कई अन्य प्रस्तावों पर भी विचार किया जा रहा है जिनमें एयर कर्टन, रेडियंटस कूलिंग पैनलस और फ्रोजन ब्राइन ट्रे का इस्तेमाल भी शामिल है। श्राइन बोर्ड के अधिकारियों को रेडियंट कूलिंग पेनलस का विकल्प बहुत ही जायज लग रहा है।
इतना जरूर है कि अतीत में कुछ उन उन्मादी श्रद्धालुओं के हाथों से, जो यात्रा शुरू होने से पहले ही गुफा तक पहुंच जाते हैं, हिमलिंग को बचाने की खातिर बोर्ड ने कुछ उपाय जरूर कर दिए थे जो भक्तों की भीड़ के आगे टिक नहीं पाए थे। श्राइन बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि इस बार श्रद्धालुओं को पहले से कहीं ज्यादा बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी। पवित्र गुफा में श्रद्धालु हिमलिंग के दर्शन बिना किसी रुकावट कर सकें इसके लिए विशेष प्रबंध किया है।
लोहे की ग्रिल को हटा लिया है। यह ग्रिल एक अवरोधक थी जो श्रद्धालुओं को पवित्र हिमलिंग को छूने से रोकती थी पर साथ ही इसके कारण श्रद्धालुओं को हिमलिंग के दर्शन भी सही तरीके से नहीं हो पाते थे। लोहे की ग्रिल वर्ष 2007 में लगाई गई थी ताकि श्रद्धालु हिमलिंग की मर्यादा को भंग न कर सकें। इससे पूर्व वर्ष 2006 में कुछ लोगों ने पवित्र गुफा में हिमलिंग के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ की थी। अब ग्रिल नहीं है, इसके स्थान पर एल्यमूनियम की पैनलिंग के सहारे पारदर्शी कांच की दीवार बनाई है।
इसके जरिए श्रद्धालु आराम से हिमलिंग के दर्शन कर सकेंगे। गुफा में श्रद्धालुओं के खड़ा होने और पूजा करने का स्थान भी बढ़ाया गया है। उन्होंने बताया कि 14500 फुट की ऊंचाई पर स्थित गुफा के पास सिर्फ आपात परिस्थितियों में ही हेलीकाप्टर को उतरने की अनुमति होगी। हेलीकाप्टर के बार-बार आवागमन और शोर का असर भी गुफा के मौसम और स्थानीय पर्यावरण पर प्रतिकूल असर होता है। श्रद्धालुओं को गुफा के भीतर फोटोग्राफी की मनाही रहेगी। कैमरा और मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा, क्योंकि यह भी गर्मी पैदा करते हैं।