गणेश उत्सव में कोरोना वायरस का असर, चार फुट से ऊंची प्रतिमा नहीं रख सकेंगे

By भाषा | Published: July 30, 2020 05:55 AM2020-07-30T05:55:14+5:302020-07-30T05:55:14+5:30

अधिकारियों ने बताया कि मंडप/पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने के लिए पृथक से पंडाल नहीं होगा

Effect of corona virus in Ganesh festival, will not be able to keep statue more than four feet | गणेश उत्सव में कोरोना वायरस का असर, चार फुट से ऊंची प्रतिमा नहीं रख सकेंगे

मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जाएगा।

Highlightsदर्शकों और आयोजकों के बैठने के लिए कुर्सी नहीं लगायी जाएंगी। किसी भी एक समय में मंडप और सामने मिलाकर 20 व्यक्ति से अधिक न होंगे।

छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए राज्य में गणेश उत्सव के लिए दिशा-निर्देश जारी किया गए हैं। निर्देशों के तहत समितियां चार फुट से अधिक ऊंची प्रतिमा की स्थापना नहीं कर सकेंगी। यदि कोई व्यक्ति मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है तब इलाज का पूरा खर्च मूर्ति स्थापना करने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा वहन किया जाएगा।

राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए विभिन्न जिला प्रशासनों ने गणेशोत्सव के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इन निर्देशों के तहत गणेश मूर्ति की ऊंचाई और चौड़ाई 4X4 फिट से अधिक नहीं होगी तथा मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15x15 फिट से अधिक नहीं होनी चाहिए। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति एक रजिस्टर रखेगी जिसमें दर्शन के लिए आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता, मोबाइल नबंर दर्ज किया जायेगा। यह इसलिए ताकि उनमें से कोई भी व्यक्ति कोरोना वायरस संक्रमित होता है तो उसके सम्पर्क में आये व्यक्तियों का पता लगाया जा सके। इ

सके लिए समिति को चार सीसीटीवी भी लगवाने होंगे। उन्होंने बताया कि मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जाएगा। ऐसा पाए जाने पर समिति के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सैनेटाइजर, थर्मल स्क्रिनिंग, आक्सीमीटर, हैंडवाश और क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जायेगी। थर्मल स्क्रिनिंग में बुखार पाए जाने अथवा कोरोना वायरस से संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाए जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति की होगी।

अधिकारियों ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति जो मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है तब इलाज का संपूर्ण खर्च मूर्ति स्थापना करने वाला व्यक्ति अथवा समिति द्वारा किया जाएगा। निषिद्ध क्षेत्र में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी। यदि पूजा की अवधि के दौरान भी क्षेत्र निषिद्ध क्षेत्र घोषित हो जाता है तब तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी। मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के बाद किसी भी प्रकार के भोज, भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के बाद किसी भी प्रकार के वाद्य यंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र, डीजे बजाने की अनुमति नहीं होगी।

मूर्ति स्थापना और विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाद्य तथा पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी। अधिकारियों ने बताया कि मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए चार से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे तथा वह मूर्ति के वाहन में ही बैठेंगे। पृथक से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के लिए नगर निगम द्वारा निर्धारित रूट मार्ग, तिथि और समय का पालन करना होगा। शहर के व्यस्त मार्गों से मूर्ति विसर्जन वाहन को ले जाने की अनुमति नहीं होगी।

सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने बताया कि इन शर्तों के साथ घरों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी, यदि घर से बाहर मूर्ति स्थापित किया जाता है तब कम से कम सात दिन पहले नगर निगम के संबंधित जोन कार्यालय में आवेदन देना होगा और अनुमति प्राप्त होने के बाद ही मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी।

Web Title: Effect of corona virus in Ganesh festival, will not be able to keep statue more than four feet

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