अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज को झारखंड में लिया गया हिरासत में, कुछ घंटो बाद किया गया रिहा
By पल्लवी कुमारी | Published: March 28, 2019 03:38 PM2019-03-28T15:38:38+5:302019-03-28T15:38:38+5:30
ज्यां द्रेज का कहना है कि उन्होंने पुलिस से इसके लिए बात की थी लेकिन आदेश नहीं दिया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस जानकर उनके उपर आरोप लगाना चाहती है।
झारखंड के बिष्णुपुरा में 28 मार्च को अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज के साथ दो अन्य कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया था। पुलिस के मुताबिक, वह बिना किसी अनुमति के कोई बैठक करने जा रहे थे। गढ़वा जिले के बिष्णुपुरा पुलिस स्टेशन में कुछ घंटों के पूछताछ के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। पुलिस के मुताबिक ज्यां द्रेज और उनके साथियों को आचार संहिता लागू होने के दौरान बिना प्रशासनिक अनुमति के बैठक करने की वजह से हिरासत में लिया गया है।
इंडियन एक्सप्रेस को डीआईजी पलामू विपुल शुक्ला ने बताया कि वह किसी सोशल मुद्दे पर बैठक करने जा रहे थे, जिसके लिए उन्होंने एसडीओ से आदेश नहीं लिए थे। उन्हें आदर्श आचार संहिता के तहत गिरफ्तार किया गया था।
गढ़वा के डिप्टी कमिश्नर हर्ष मंगला ने कहा, "जब एमसीसी लागू होता है, तो सीआरपीसी 144 लगाया जाता है, ज्यां द्रेज ने एक सार्वजनिक बैठक आयोजित करने की अनुमति मांगी थी और इसे अस्वीकार कर दिया गया था। हम इस पर गौर करेंगे कि इसे क्यों खारिज किया गया है।''
ज्यां द्रेज का कहना है कि उन्होंने पुलिस से इसके लिए बात की थी लेकिन आदेश नहीं दिया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस जानकर उनके उपर आरोप लगाना चाहती है।
ज्यां द्रेज के मुताबिक, उनको पुलिस से वो बैठक करने की अनुमति चाहिए भेल ही 28 मार्च के शाम को ही क्यों ना हो।
कौन हैं ज्यां द्रेज?
ज्यां द्रेज देश के एक जाने-माने अर्थशास्त्री और समाजसेवी हैं। वर्तमान में वो रांची विश्विद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर हैं। ज्यां द्रेज ने भोजन के अधिकार, बाल पोषण, लिंग अनुपात, महिलाओं के विकास के लिए काफी काम किया है। बेल्जियम में जन्मे अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने नीति और अर्थशास्त्र पर कई किताबें भी लिखी हैं।