चुनाव आयोग ने पूर्व चुनाव आयुक्त कुरैशी को दिया जवाब, कहा- 'कार्रवाई आपने नहीं की और इल्जाम हम पर', जानें हेट स्पीच को लेकर EC पर क्या था आरोप
By पल्लवी कुमारी | Published: February 15, 2020 10:28 AM2020-02-15T10:28:15+5:302020-02-15T10:28:15+5:30
दिल्ली विधानसभा चुनाव: रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली विधानसभा चुनाव-2020 में हेट स्पीच देने वाले सारे उम्मीदवारों को जनता ने नाकार दिया था।
चुनाव आयोग ने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) एस वाई कुरैशी के आरोपों का जवाब देते हुए एक पत्र लिखा है। चुनाव आयोग ने पत्र में एस वाई कुरैशी के लगाए गए आरोपों का खंडन किया है। एस वाई कुरैशी ने आरोप लगाया था कि दिल्ली विधानसभा चुनाव-2020 के दौरान हेट स्पीच के मामलों में उचित कार्रवाई नहीं की गई और एफआईआर भी दर्ज नहीं किए गए थे। चुनाव आयोग ने इन आरोपों का जवाब देते हुए लिखा, वरिष्ठ डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर डॉ. संदीप सक्सेना ने पत्र में लिखकर बताया, 'चुनाव आयोग ग्यारह फरवरी 2020 से पहले कराए गए लोकसभा चुनाव और विधानसभा के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ की कार्रवाई पर एक रिपोर्ट प्रकाशित करने की योजना बना रहा है।'
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, 'आयोग ने यह भी लिखा है कि जब आप (एस वाई कुरैशी ) चुनाव आयुक्त के कार्यालय में काम कर रहे थे, उस दौरान भी चुनाव आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता के तहत जारी नोटिसों और कार्रवाई की सूची संलग्न है। वरिष्ठ डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर डॉ. संदीप सक्सेना ने लिखा, ध्यान से आप इसे पहले पढ़ लेना। संलग्न सूची से देखा जा सकता है कि तत्कालीन आयोग ने इस अवधि में जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धाराओं 123 और 125 के तहत तथा आईपीसी की धारा 153 के तहत कोई कार्रवाई नहीं की है।'
डॉ. संदीप सक्सेना ने यह भी लिखा है, 'विडंबना है कि इस हद तक चुनिंदा भूल' से पाठक गुमराह हो सकते हैं।' डॉ. संदीप सक्सेना ने यह भी लिखा, 'कार्रवाई आपने नहीं की है और जिम्मेदार क्यों ठहरा रहे हैं?।'
जानें एसवाई कुरैशी ने चुनाव आयोग पर क्या लगाया था आरोप
2010 से 2012 तक चुनाव आयोग का नेतृत्व करने वाले एसवाई कुरैशी ने दिल्ली विधान फरवरी को इंडियन एक्सप्रेस की एक लेख में लिखा था कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि चुनाव आयोग ने दिल्ली चुनाव के प्रचार के हेट स्पीच पर उचित कार्रवाई नहीं की। एसवाई कुरैशी ने पत्र में बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर और बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा का नाम लेते हुए कहा था कि इन पर जनप्रतिनिधित्व कानून या आईपीसी के तहत एफआईआर क्यों नहीं दर्ज कराई गई?
लेख में एसवाई कुरैशी ने बीजेपी के स्टार कैंपेनर लिस्ट से दोनों को बाहर करने और चुनाव प्रचार पर अस्थायी रोक के लिए चुनाव आयोग की तारीफ भी की थी।