DU Admission 2022: अगले साल 2022 से दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा, जानिए और क्या है अपडेट

By भाषा | Published: December 17, 2021 09:45 PM2021-12-17T21:45:42+5:302021-12-17T21:57:07+5:30

DU Admission 2022: अकादमिक परिषद की बैठक 10 दिसंबर को हुई थी और इसने इस प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे दी थी।

DU Admission 2022 Entrance exam next year 2022 delhi university approves any update | DU Admission 2022: अगले साल 2022 से दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा, जानिए और क्या है अपडेट

विश्वविद्यालय को सामान्य प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश परीक्षा आयोजित करनी चाहिए।

Highlightsदिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह द्वारा गठित नौ सदस्यीय समिति ने सिफारिश की थी।केरल बोर्ड के छात्रों को शत-प्रतिशत अंक मिलने के कारण बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय में दाखिले की तादाद बढ़ गयी है।एक सामान्य प्रवेश परीक्षा आयोजित की जा सकती है।

DU Admission 2022: दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने अगले साल 2022 से दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के प्रस्ताव को शुक्रवार को मंजूरी दे दी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

कार्यकारी परिषद (ईसी) विश्वविद्यालय से संबंधित निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय है, कुछ सदस्यों द्वारा असहमति जताए जाने के बावजूद कार्यकारी परिषद ने प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। गौरतलब है कि अकादमिक परिषद की बैठक 10 दिसंबर को हुई थी और इसने इस प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे दी थी।

दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह द्वारा गठित नौ सदस्यीय समिति ने सिफारिश की थी कि दाखिले की प्रक्रिया में पर्याप्त निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय को सामान्य प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश परीक्षा आयोजित करनी चाहिए। केरल बोर्ड के छात्रों को शत-प्रतिशत अंक मिलने के कारण बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय में दाखिले की तादाद बढ़ गयी है।

डीन (परीक्षा) डीएस रावत की अध्यक्षता में गठित समिति को स्नातक पाठ्यक्रमों में अधिक और कम प्रवेश के कारणों की जांच करनी थी, सभी स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के बोर्ड-वार वितरण का अध्ययन करना था, स्नातक पाठ्यक्रमों में इष्टतम प्रवेश के लिए वैकल्पिक रणनीतियों का सुझाव देना था और गैर-क्रीमी लेयर की स्थिति के संदर्भ में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्रों के प्रवेश की जांच करनी थी। समिति ने सुझाव दिया है कि तमाम प्रकार की चुनौतियों के मद्देनजर एक सामान्य प्रवेश परीक्षा आयोजित की जा सकती है।

डीयू के कुलपति ने महत्वपूर्ण पदों पर नए अधिकारियों को नियुक्त किया

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति योगेश सिंह ने कई वरिष्ठ पदाधिकारियों को उनके पदों से मुक्त किए जाने के एक दिन बाद शुक्रवार को महत्वपूर्ण पदों पर नए अधिकारियों की नियुक्ति की। कार्यकारी परिषद की बैठक में टीम की घोषणा की गई। प्रोफेसर बलराम पाणि डीन (कॉलेज) बने रहेंगे, जबकि प्रकाश सिंह को साउथ कैंपस का निदेशक नियुक्त किया गया है।

प्रोफेसर रजनी अब्बी विश्वविद्यालय की प्रॉक्टर होंगी, जबकि पायल मागो को मुक्त विद्यालयी शिक्षा (एसओएल) के निदेशक के रूप में चुना गया है। प्रोफेसर पंकज अरोड़ा को डीन, छात्र कल्याण नियुक्त किया गया है। प्रो-वीसी पी.सी. जोशी सहित विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को इस्तीफा दे दिया था। साउथ कैंपस की निदेशक सुमन कुंडू, प्रॉक्टर नीता सहगल और छात्र कल्याण के डीन राजीव गुप्ता ने भी अपना त्यागपत्र सौंप दिया था।

डीयू ने तदर्थ, संविदा कर्मचारियों के लिये सवैतनिक मातृत्व अवकाश को मंजूरी दी

दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने शुक्रवार को तदर्थ व संविदा कर्मचारियों के लिए सवैतनिक मातृत्व अवकाश को मंजूरी दे दी और विश्वविद्यालय द्वारा नैनोमेडिसिन संस्थान स्थापित करने से संबंधित चिंताओं पर गौर करने के लिए एक समिति का गठन किया। तदर्थ और संविदा कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश दिया जाना चाहिए या नहीं, इसपर विचार करने के लिये एक समिति का गठन किया गया था।

समिति के द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार, ''इस तथ्य को स्वीकार करते हुए कि मातृत्व अवकाश प्राप्त करना मां तथा बच्चे की शारीरिक व भावनात्मक भलाई के लिए एक बुनियादी और महत्वपूर्ण आवश्यकता है, समिति सिफारिश करती है कि विश्वविद्यालय/विश्वविद्यालय के महाविद्यालयों में तदर्थ/संविदा पर कार्यरत शिक्षण व गैर-शिक्षण महिला कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश का भुगतान किया जाए।'' समिति ने यह भी कहा कि तदर्थ और संविदा कर्मचारियों को एक निश्चित अवधि के लिए काम पर रखा जाता है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ''... ऐसी महिला कर्मचारियों को विश्वविद्यालय/कॉलेजों द्वारा अधिकतम 26 सप्ताह के लिए सवैतनिक मातृत्व अवकाश दिया जा सकता है।'' समिति ने यह भी कहा कि दिशानिर्देशों के अनुसार दो से कम जीवित बच्चों वाली महिलाओं को मातृत्व अवकाश प्रदान किया जा सकता है।

शिक्षकों ने इस कदम का स्वागत किया है। 'डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट' की सचिव आभा देव हबीब ने कहा, ''डीयू की कार्यकारी परिषद ने आज तदर्थ शिक्षकों / संविदा कर्मचारियों को सवैतनिक मातृत्व अवकाश प्रदान करने को मंजूरी दे दी। यह विश्वविद्यालय और उसके कॉलेजों में कार्यरत हजारों महिला शिक्षकों के लिए एक बड़ी राहत है और शिक्षकों तथा अनेक व्यक्ति विशेष के सामूहिक और निरंतर कार्य का परिणाम है।''

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